नयी दिल्ली, 19 मार्च (वार्ता) केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने भारी आर्थिक संकट से गुजर रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज के ग्राउंडेड विमानों, अग्रिम बुकिंग, रद्दीकरण, रिफंड और सुरक्षा के मामले में विमानन सचिव और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं।
श्री प्रभु के निर्देश पर डीजीसीए ने यह समीक्षा की। अभी जेट एयरवेज के बेड़े में अभी 41 विमान परिचालन में हैं और 603 घरेलू एवं 382 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। आने वाले सप्ताह में कंपनी के और विमानों के भी बेड़े से हटने की आशंका है।
डीजीसीए ने एयरलाइन को यात्रियों को समय पर जानकारी देने, क्षतिपूर्ति, रिफंड और जहां सुविधा हो वैकल्पिक विमान उपलब्ध कराने के मामले में नियमों का पालन करने के निर्देश दिये हैं। एयरलाइन के प्रदर्शन का डीजीसीए लगातार निगरानी करेगा। डीजीसीए यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि जेट एयरवेज के बेड़े में शामिल सभी विमानो चाहे परिचालन में हो या ग्राउंडेड हो सभी का रखरखाच कार्यक्रम (एएमपी) पूरा किया होना चाहिए।
जेट एयरवेज को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी ऐसे पायलट, केबिन क्रू या एएमई को ड्यूटी पर नहीं लगाये जिसने कभी किसी तरह के तनाव की शिकायत की हो। अलवत्ता इस तरह के सभी कर्मचारियों को वैधानिक प्रशिक्षण देने के लिए कहा गया है।
श्री प्रभु ने सभी संबंधित अधिकारियों को लगातार पूरी स्थित पर नजर रखने के लिए कहा है। उन्होंने लाेंगों की सुरक्षा को महत्व देने और यात्रियों की सुविधाओं के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने डीजीसीए को निर्धारित समय पर उड़ान के लिए विमान की उड़ान क्षमता बनाये रखने, अंतिम समय में रद्दीकरण या निर्धारित समय में बदलाव से बचने के निर्देश दिये ताकि यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम किया जा सके। प्रभावी यात्रियों को नियमों के तहत रिफंड उपलब्ध कराने को भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
शेखर.श्रवण
वार्ता