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घरेलू उद्योग के लिए कागज आयात को हतोत्साहित करने की जरूरत: गडकरी

नयी दिल्ली 03 दिसंबर (वार्ता) सड़क परिवहन , राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने देश में लघु पेपर उद्योगों को बढ़वा देने के लिए कागज आयात को हतोत्साहित किये जाने की आवश्यकता बताते हुये मंगलवार को कहा कि पेपर उद्योग की व्यापक उपस्थिति के बावजूद बड़े पैमाने पर कागज आयात बढ़ रहा है। जो चिंता का विषय है।
श्री गडकरी ने यहां प्रगति मैदान में पप्ल, पेपर एंव इससे जुड़े उद्योगों पर आधारित 14वें अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शरी एवं सम्मेलन पेपरेक्स 2019 के शुभारंभ के मौके पर एक वीडियो संदेश में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पेपर क्षेत्र में आयात को हतोत्साहित किया जाना चाहिए, जबकि घरेलू उद्योग को समर्थन देने के लिए निर्यात बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांस का उपयोग कागज उद्योग के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है। सरकार ने बांस मिशन के लिए 1300 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी है। बांस से विभिन्न प्रकार के कागज बनाये जा सकते हैं। यदि बांस का उपयोग बढ़ाया जाता है तो यह कागज उद्योग और इससे जुड़े किसानों के लिए भी बहुत अच्छा अवसर होगा।
इस मौके पर जेके पेपर के प्रबंध निदेशक हर्षपति सिंघानिया ने कहा कि कागज उद्योग में विकास का स्तर विकसित दुनिया से विकासशील दुनिया की तरफ बढ़ रहा है। यूरोप और अमेरिका में खपत में कमी आ रही है जबकि एशिया और लैटिन अमेरिकी देशों में खपत बढ़ रही है। वर्तमान में भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता पेपर बाजार है।
इंडियन पेपर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) के संस्थापक अध्यक्ष श्री सिघांनिया ने कहा कि पेपर की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करना एक अवसर और उद्योग के लिए एक चुनौती है। सस्ते कागज का बड़े पैमाने पर आयात उस मांग को पूरा कर रहा है जो घरेलू उद्योग को मिलना चाहिए था। भारतीय पेपर कंपनियाें का अन्य पेपर उत्पादक देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं हो पा रहा है क्योंकि वहां की लागत अपेक्षाकृत बहुत कम है जिसके चलते भारतीय उद्योग को आयात खतरे का सामना करना पड़ता है।
श्री सिंघानिया ने कहा सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक को कम करने का आग्रह कर रही है। ऐसे में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कागज उद्योग को इनोवेटिव विकल्प विकसित करने की जरूरत है।
इंडियन एग्रो एंड रिसाइकिल्ड पेपर मिल्स एसोसिएशन (आईएआरपीएमए) के महासचिव पी जी मुकुंदन ने कहा कि उभरती हुई नई जीवन शैली और पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग विभिन्न प्रकार के पेपर के विकास का अवसर प्रदान करते हैं। पेपरेक्स को प्रौद्योगिकी चाहने वालों की सभी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।
एशिया के इस सबसे बड़े पेपर उद्योग शो में 35 से ज्यादा देशों के 700 से अधिक कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। छह दिसम्बर तक चलने वाले इस शो में ऑस्ट्रिया, बंगलादेश, कनाडा, चीन, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, लेबनान, मलेशिया, फिलीपींस, पोलैंड, कोरिया गणराज्य, स्कॉटलैंड, सिंगापुर, स्लोवेनिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, ताइवान, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, चीन, ताईवान, जर्मनी आदि देश भाग ले रहे हैं।
शेखर
वार्ता
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