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बिजनेस


फोरम फॉर डीकार्बनाइजिंग ट्रांसपोर्ट शुरू

नयी दिल्ली 24 अगस्त (वार्ता) नीति आयोग और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) इंडिया ने संयुक्त रूप से एनडीसी-ट्रांसपोर्ट इनीशियेटिव फोर एशिया (एनडीसी-टीआईए) परियोजना के तहत भारत में 'फोरम फॉर डीकार्बनाइजिंग ट्रांसपोर्ट' शुरू किया है।
यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित किया गया था और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने इस फोरम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में विभिन्न मंत्रालयों और एनडीसी-टीआईए परियोजना भागीदारों के साथ-साथ मोबिलिटी और ऊर्जा क्षेत्र के हितधारक उपस्थित थे। इस परियोजना का उद्देश्य (दो डिग्री से नीचे के मार्ग के अनुरूप) एशिया में ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन (परिवहन क्षेत्र) के चरम स्तर को नीचे लाना है। ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन की वजह से संकुलन और वायु प्रदूषण जैसी समस्याएं होती हैं।
भारत में एक विशाल और विविध परिवहन क्षेत्र है, जो कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) 2020 और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, 2018 के आंकड़ों से पता चलता है कि परिवहन क्षेत्र में शामिल सड़क परिवहन, कॉर्बन डाईऑक्साइड के कुल उत्सर्जन में 90 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। विभिन्न नीतिगत उपायों और पहलों के माध्यम से, भारत सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने पर मुख्य ध्यान देने के साथ सड़क परिवहन के कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को घटाने(डीकार्बनाइजेशन) की दिशा में लगातार काम कर रही है।
नीति आयोग नेशनल मिशन ऑन ट्रांसफोर्मेटिव मोबिलिटी एंड बैटरी स्टोरेज के माध्यम से ईवी और सतत आवाजाही को बढ़ावा देने में शीर्ष भूमिका निभा रहा है। हालांकि, देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों का लाभ उठाने और उन्हें कारगर बनाने की खातिर विभिन्न हितधारकों के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता है। इन हितधारकों में केंद्र/राज्य सरकारें, राज्य-नामित एजेंसियां, वित्तीय संस्थान, व्यवसाय, मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम), अनुसंधान एवं तकनीकी संस्थान, निजी निकाय और थिंक टैंक शामिल हैं। इन हितधारकों के बीच एक समन्वित प्रयास निवेश को सक्षम बनाने, इलेक्ट्रिक वाहनों कोअपनाने को प्रोत्साहित करने और उद्योग में उचित संचालन सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
एनडीसी-टीआईए इंडिया प्रभावी नीतियों की एक सुसंगत रणनीति विकसित करने और देश में परिवहन क्षेत्र में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम करने के लिए एक बहु-हितधारक मंच के गठन पर केंद्रित है। इस मंच के माध्यम से, डब्ल्यूआरआई, भारत की टीम;नीति आयोग और अन्य परियोजना भागीदार, इन सभी हितधारकों के साथ मिलकर करीब से काम करेंगे ताकि भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में तेजी लाने के लिए रणनीति तैयार की जा सके और व्यापार का उपयुक्त मॉडल विकसित किया जा सके। फोरम समान नीतियों के विकास के लिए संवाद शुरू करने और परिवहन क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने में विशिष्ट परिणाम प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा।
शेखर
वार्ता
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