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नोटबंदी के कारण विकास दर में चीन से पिछड़ जायेगा भारत : आईएमएफ

नोटबंदी के कारण विकास दर में चीन से पिछड़ जायेगा भारत : आईएमएफ

वाशिंगटन 16 जनवरी (वार्ता) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाँच सौ रुपये तथा एक हजार रुपये के पुराने नोटों को बंद किये जाने के कारण उपभोग में आयी कमी के मद्देनजर भारत का विकास अनुमान एक फीसदी घटा कर 6.6 प्रतिशत कर दिया है जबकि चीन का विकास अनुमान 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है। आईएमएफ ने आज जारी “वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट, जनवरी 2017” में कहा “भारत का विकास अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए एक फीसदी तथा अगले वित्त वर्ष के लिए 0.4 फीसदी घटा दिया गया है। इसकी मुख्य वजह हाल के दिनों में नोटबंदी और उसके कारण नकदी की किल्लत तथा भुगतान बाधित होने से अस्थायी रूप से उपभाेग में आयी कमी है।” वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की विकास दर घटकर 6.6 प्रतिशत रहने की बात कही गयी है। पहले इसके 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जाहिर किया गया था। चीन की विकास दर वर्ष 2016 में 6.7 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। अर्थव्यवस्था के अपेक्षा से अच्छे प्रदर्शन के कारण मौजूदा वर्ष के लिए भी उसका विकास अनुमान 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि वर्ष 2018 के लिए विकास अनुमान छह फीसदी पर स्थिर रखा गया है। चीन में आयी आर्थिक सुस्ती तथा देश में मोदी सरकार के सत्ता सँभालने से कारोबारी विश्वास बढ़ने और गणना के तरीके में बदलाव के बाद विकास दर बढ़ने से भारत ने पिछले दो साल से विकास की रफ्तार में चीन से आगे निकल गया था। यह किसी भी बड़ी संस्था द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए सबसे कम विकास अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) तथा भारत सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। वहीं, विश्व बैंक ने विकास अनुमान 7.6 फीसदी से घटाकर सात फीसदी कर दिया था। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आईएमएफ ने भारत की विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने की बात कही है। पहले उसने इसके 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था। हालाँकि, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए विकास अनुमान 7.7 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। आईएमएफ ने इस वर्ष तथा अगले साल वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की बात कही है। हालाँकि उसने कहा कि अमेरिका में आने वाली नयी सरकार की नीतियों तथा इसके वैश्विक प्रभाव को लेकर अनिश्चितता की भी बात कही है। उसने कहा कि इस संदर्भ में अप्रैल 2017 के उसके पूर्वानुमान तक स्थिति ज्यादा स्पष्ट हो पायेगी। उसने बताया कि वर्ष 2016 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वर्ष 2017 का विकास अनुमान 3.4 प्रतिशत तथा 2018 का 3.6 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। अजीत /शेखर वार्ता

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