नयी दिल्ली 29 मार्च (वार्ता) देश में भारत स्टेज-3 (बीएस-3) उत्सर्जन मानक वाले वाहनाें की बिक्री पर 01 अप्रैल से प्रतिबंध लगाये जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर आज वाणिज्यिक और दुपहिया वाहन कंपनियों के शेयरों सवा तीन प्रतिशत तक की तेज गिरावट देखी गयी। शीर्ष अदालत के इस फैसले से वाहन कंपनियों को करीब 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगने की संभावना है। एक अनुमान के अनुसार, इस समय वाहन कंपनियों और डीलरों के पास कुल आठ लाख से ज्यादा बीएस3 वाहनों का स्टॉक है। इसमें साढ़े छह लाख से अधिक दोपहिया वाहन, 90 हजार से ज्यादा वाणिज्यिक वाहन लगभग 40 हजार तिपहिया वाहन हैं। बीएसई में सूचीबद्ध ऑटो कंपनियों में सबसे अधिक नुकसान हीरो मोटोकॉर्प को उठाना पड़ा। उसके शेयरों में 3.15 फीसदी की गिरावट रही। इसके अलावा अशोक लीलैंड के शेयर 2.78 फीसदी, भारत फोर्ज के 1.30 फीसदी, टाटा मोटर्स के 0.70 फीसदी, महिंद्रा एंड महिंद्रा के 0.66 फीसदी, मारुति सुजुकी के 0.58 फीसदी, कमिन्स इंडिया के 0.42 फीसदी और बोश लिमिटेड के 0.14 फीसदी लुढ़क गये। उच्चतम न्यायालय ने आज बीएस-3 उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की बिक्री 31 मार्च के बाद भी जारी रखने की अनुमति संबंधी केंद्र सरकार का अनुरोध ठुकरा दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि 01 अप्रैल से बीएस-3 उत्सर्जन मानक वाले वाहनों का न/न तो पंजीकरण होगा, न/न ही बिक्री। बजाज ऑटो लिमिटेड और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण ऑथरिटी (ईपीसीए) ने भी एक अप्रैल से बीएस-3 वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी। बजाज ऑटो के शेयर आज 0.29 प्रतिशत चढ़े। इसके अलावा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से बीएस-3 उत्सर्जन मानक वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने की बात की थी। हालाँकि, वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम का कहना है कि कंपनियों को यह स्टॉक निकालने के लिए करीब एक साल का समय चाहिये और इन्हें हटाने का काम धीरे-धीरे होना चाहिये क्योंकि 2010 से मार्च 2017 तक 41 वाहन कंपनियों ने करीब 13 करोड़ बीएस-तीन उर्त्सजन मानक वाले वाहन बनाये हैं। अर्चना अजीत वार्ता