बिजनेसPosted at: May 29 2017 8:32PM जीएसटी सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करेगा सीएससी
नयी दिल्ली 29 मई (वार्ता) इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्यरत कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) देश में एक जुलाई से लागू होने जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन में सुविधा प्रदाता के रूप में काम करेंगें। शीर्ष ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को प्रशिक्षित करने और सीएससी के माध्यम से ग्रामीण भारत में जीएसटी के कार्यान्वयन को सक्षम बनाने के लिए जीएसटी सेवा प्रदाता के रूप में सीएससी विषय पर यहां आयोजित कार्यशाल में देश में कार्यरत सीएससी को जीएसटी सुविधा प्रदाता के रूप में प्रस्तावित किया गया। सीएससी व्यापारियों को पंजीकरण की मदद करने के साथ ही रिटर्न दाखिल करने तथा जीएसटी के तहत विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद करेगा। ये देश भर में जीएसटी के कार्यान्वयन से संबंधित प्रशिक्षण आयोजित करेगा। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसका उद्घाटन करने के दौरान कहा कि ग्राम स्तर के उद्यमी डिजिटल भारत के लिए रैपिड एक्शन फोर्स हैं और ये भारत में डिजिटल क्रांति के अग्रदूत बन सकते हैं तथा आर्थिक रूप से समावेशी डिजिटल समाज का निर्माण कर सकते हैं। भारत डिजिटल क्रांति के अवसर को छोड़ना नहीं चाहता है बल्कि इसका लक्ष्य इस क्रांति का अगुवा बनना है और इसमें सीएससी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए वीएलई सरकार की रणनीति के महत्वपूर्ण घटक है और वह दिन दूर नहीं जब दूर-दराज के ग्राहकों तक पहुंचने के लिए निजी उद्यमी सीएससी की तरफ रूख करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 2,50,000 सीएससी के माध्यम से लगभग दस लाख लोगों को रोजगार मिल हुआ रहा है और यह आंकड़ा भविष्य में 25 लाख तक जा सकता है, क्योंकि निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार होगा। शेखर जारी/ वार्ता