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चुनाव


नागालैंड में इस बार पांच महिलाओं के चुनाव मैदान में होने की वजह से उम्मीद जताई जा रही थी कि पहली बार कोई महिला विधानसभा तक जरूर पहुंचेगी। लेकिन नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के टिकट पर मैदान में उतरी जिस अवान कोन्याक के जीत की अटकलें लगाई जा रही थीं, वह भी हार गईं। वह चार बार विधायक रहे एन कोन्याक की बेटी हैं। श्री कोन्याक की बीते महीने मौत हो गई थी।
मतगणना के शुरुआती दौर में अवान अपनी प्रतिद्वंदी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के ईशाक कोन्याक से 1300 से ज्यादा वोटों से आगे निकल गई थीं। लेकिन कुछ देर बाद ही तस्वीर बदली और वह 905 वोटों से हार गईं। इसके साथ ही इस बार भी कोई महिला विधायक नहीं चुनी जा सकीं।
साक्षरता दर ऊंची रहने और दूसरे राज्यों के मुकाबले समाज और परिवार में बेहतर अधिकार होने के बावजूद नगालैंड में अब तक कोई भी महिला विधानसभा तक नहीं पहुंच सकी है। नगालैंड विधानसभा की 60 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में किस्मत आजमाने वाले 195 उम्मीदवारों में पांच महिलाएं भी शामिल थीं। यह अब तक की सबसे बड़ी तादाद थी।
यही वजह है कि राज्य के महिला और सामाजिक संगठनों को इस बार महिलाओं का खाता खुलने की उम्मीद थी। नगा समाज में महिलाओं को काफी आजादी है और उनको दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा अधिकार मिले हैं। लेकिन जब बात राजनीति की आती है तो इसे महिलाओं की पहुंच से दूर रखा जाता है।
यही वजह है कि फरवरी, 1964 में पहली विधानसभा के गठन के बाद से ही अब तक कोई महिला चुन कर सदन में नहीं पहुंची है। वर्ष 1977 में रानो एम शाइजा पहली बार चुनाव जीत कर संसद पहुंची थी।
संजय
वार्ता
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