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बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे कमाल अमरोही

(जन्मदिवस 17 जनवरी के अवसर पर)
मुंबई 16 जनवरी (वार्ता) बॉलीवुड में कमाल अमरोही का नाम एक ऐसी शख्सियत के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने बेहतरीन गीतकार, पटकथा और संवाद लेखक तथा निर्माता एवं निर्देशक के रूप में भारतीय सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 17 जनवरी 1918 को एक जमींदार परिवार में जन्मे कमाल अमरोही (मूल नाम सैयद आमिर हैदर कमाल) शुरुआती दौर में एक उर्दू समाचार पत्र में नियमित रूप से स्तम्भ लिखा करते थे। अखबार में कुछ समय तक काम करने के बाद वह ऊबने लगे और कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) चले गये। कलकत्ता से कुछ समय बाद वह मुम्बई आ गये।
मुंबई पहुंचने पर कमाल अमरोही को मिनर्वा मूवीटोन निर्मित कुछ फिल्मों में संवाद लेखन का काम मिला। इनमें जेलर, पुकार, भरोसा जैसी फिल्में शामिल है लेकिन इन सबके बावजूद उन्हें वह पहचान नहीं मिल पायी जिसके लिये वह मुंबई आये थे। अपना वजूद तलाशते कमाल को अपनी पहचान बनाने के लिये लगभग 10 वर्ष तक फिल्म इंडस्ट्री मे संघर्ष करना पड़ा। उनका सितारा वर्ष 1949 में प्रदर्शित अशोक कुमार निर्मित क्लासिक फिल्म ‘महल’ से चमका। अशोक कुमार ने कमाल अमरोही को फिल्म महल के निर्देशन का जिम्मा दिया।
बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने न सिर्फ पार्श्वगायिका लता मंगेश्कर के सिने करियर को सही दिशा दी बल्कि फिल्म की नायिका मधुबाला को ‘स्टार’ के रूप में स्थापित कर दिया। आज भी इस फिल्म के सदाबहार गीत दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। वर्ष 1952 में कमाल अमरोही ने फिल्म अभिनेत्री मीना कुमारी से शादी कर ली। उस समय कमाल अमरोही और मीना कुमारी की उम्र में काफी अंतर था। वह 34 वर्ष के थे जबकि मीना कुमारी महज 19 वर्ष की थी। महल की की कामयाबी के बाद कमाल अमरोही ने कमाल पिक्चर्स और कमालिस्तान स्टूडियो की स्थापना की। कमाल पिक्चर्स के बैनर तले उन्होंने अभिनेत्री पत्नी मीना कुमारी को लेकर ‘दायरा’ फिल्म का निर्माण किया लेकिन यह फिल्म टिकट खिड़की पर कोई खास कमाल नहीं दिखा सकी।
प्रेम, यामिनी
जारी वार्ता
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