राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Jan 25 2019 2:14PM मनोरंजन-देशभक्ति गीत तीन अंतिम मुंबईवर्ष 1965 में निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार के कहने पर प्रेम धवन ने फिल्म शहीद के लिये संगीत निर्देशन किया। यूं तो फिल्म शहीद के सभी गीत सुपरहिट हुये लेकिन “ऐ वतन ऐ वतन” और “मेरा रंग दे बंसती चोला” आज भी श्रोताओं के बीच शिद्दत के साथ सुने जाते हैं। भारत-चीन युद्ध पर बनी चेतन आंनद की वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म “हकीकत” भी देश भक्ति से परिपूर्ण फिल्म थी। मोहम्मद रफी की आवाज में कैफी आजमी का लिखा यह गीत “कर चले हम फिदा जानों तन साथियों अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों” आज भी श्रोताओं में देशभक्ति के जज्बें को बुलंद करता है।देशभक्ति से परिपूर्ण फिल्में बनाने में मनोज कुमार का नाम विशेष तौर पर उल्लेखनीय है। शहीद, उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति, जय हिंद द प्राइड जैसी फिल्मों में देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत के गीत सुन आज भी श्रोताओं की आंखे नम हो जाती हैं। जे.पी.दत्ता और अनिल शर्मा ने भी देशभक्ति से लबरेज कई फिल्मों का निर्माण किया है।इसी तरह गीतकारों ने कई फिल्मों में देशभक्ति से परिपूर्ण गीत की रचना की है इनमें “जहां डाल-डाल पर सोने की चिडि़या करती हैं बसेरा वो भारत देश है मेरा ए वतन ऐ वतन तुझको मेरी कसम, नन्हा मुन्ना राही हूं देश का सिपाही हूं, है, प्रीत जहां की रीत सदा मैं गीत वहां के गाता हूं, मेरे देश की धरती सोना उगले, दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिये, भारत हमको जां से प्यारा है, ये दुनिया एक दुल्हन के माथे की बिंदिया ये मेरा इंडिया, सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी , जिंदगी मौत ना बन जाये संभालो यारो, सरफरोश, मां तुझे सलाम, थोड़ी सी धूल मेरी धरती की मेरी वतन की आदि हैं।प्रेम.श्रवण वार्ता