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देवानंद से बेइंतहा मोहब्बत करती थी सुरैया

..पुण्यतिथि 31 जनवरी के अवसर पर ..
मुंबई 30 जनवरी (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेत्री और पार्श्वगायिका सुरैया, देवानंद से बेइंतहा मोहब्बत करती थी और उन्होंने उनसे शादी नहीं होने पर आजीवन कुंआरी रहने का फैसला किया।
सुरैया के सिने कैरियर में उनकी जोड़ी फिल्म अभिनेता देवानंद के साथ खूब जमी। सुरैया और देवानंद की जोड़ी वाली फिल्मों में जीत, शायर, अफसर, नीली और दो सितारे जैसी फिल्में शामिल हैं। वर्ष 1950 में प्रदर्शित फिल्म अफसर के निर्माण के दौरान देवानंद का झुकाव सुरैया की ओर हो गया था। एक गाने की शूटिंग के दौरान देवानंद और सुरैया की नाव पानी में पलट गयी। देवानंद ने सुरैया को डूबने से बचाया। इसके बाद सुरैया देवानंद से बेइंतहा मोहब्बत करने लगी लेकिन सुरैया की नानी की इजाजत न मिलने पर यह जोड़ी परवान नहीं चढ़ सकी। वर्ष 1954 में देवानंद ने उस जमाने की मशहूर अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से शादी कर ली। इससे आहत सुरैया ने आजीवन कुंवारी रहने का फैसला कर लिया।
पंजाब के गुजरांवाला शहर में 15 जून 1929 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी सुरैया का रूझान बचपन से ही संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायिका बनना चाहती थी हालांकि उन्होंने किसी उस्ताद से संगीत की शिक्षा नहीं ली थी लेकिन संगीत पर उनकी अच्छी पकड़ थी। सुरैया अपने माता पिता की इकलौती संतान थी।
सुरैया ने प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के न्यू गर्ल्स हाई स्कूल से पूरी की। इसके साथ ही वह घर पर ही कुरान और फारसी की शिक्षा भी लिया करती थी।
बतौर बाल कलाकार वर्ष 1937 में उनकी पहली फिल्म उसने सोचा था प्रदर्शित हुई। सुरैया को अपना सबसे पहला बड़ा काम अपने चाचा जहूर की मदद से मिला जो उन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में बतौर खलनायक अपनी पहचान बना चुके थे। वर्ष 1941 में स्कूल की छुट्टियों के दौरान एक बार सुरैया मोहन स्टूडियो में फिल्म ताजमहल की शूटिंग देखने गयी। वहां उनकी मुलाकात फिल्म के निर्देशक नानु भाई वकील से हुयी जिन्हें सुरैया में फिल्म इंडस्ट्री का एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया। उन्होंने सुरैया को फिल्म के किरदार मुमताज महल के लिये चुन लिया।
प्रेम, यामिनी
जारी वार्ता
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