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भारत में यदि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं तो राहुल गांधी स्वतंत्र कैसे घूम रहे हैं

मुंबई, 06 अप्रैल (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोबारा जीतेंगे तो संविधान का गला घोंट देंगे, अभिव्यक्ति की आजादी नहीं रह पायेगी विपक्ष के इस अफवाह के संबंध में शिव शिव सेना ने पूछा है कि यदि भारत में अभिव्यक्ति की स्वंतंत्रता नहीं तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधान मंत्री के खिलाफ बोलने के बाजवूद ‘स्वतंत्र कैसे घूम’ रहे हैं।
श्री गांधी ने कहा कि यदि उनकी सरकार आती है तो प्रधानमंत्री ‘चौकीदार’ को जेल में भेज दिया जायेगा इस विचार को शिव सेना ने खारिज कर दिया।
शिव सेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना के आज के संपादकीय में भारतीय जनता पार्टी के भीष्म लालकृष्ण आडवाणी के बयान के संबंध में लिखा है कि उनके लेख से ऐसा लगता है कि जिस तरह विरोधी पक्ष द्वारा पाकिस्तान में हवाई हमले का सबूत मांगना गलत है उसी तरह सबूत मांगने वालों को देश विरोधी भी समझना गलत है।
संपादकीय में आगे लिखा गया है कि जो मोदी के साथ नहीं वह देश के साथ नहीं, यह भाजपा का प्रचार केन्द्र विंदु है लेकिन विपक्ष को यह मंजूर नहीं है। उनका कहना है कि मोदी मतलब देश नहीं लेकिन पूर्व में ‘इंदिरा इज इंडिया’ जैसे गर्जना कांग्रेसियों ने की थी लेकिन आज कांग्रेस कहा रही है कि ‘मोदी इज नॉट इंडिया’।
‘इंदिरा इज इंडिया’ की बात देश की जनता को नहीं पची थी और यही हमारे देश के लोकतंत्र की खूबी है। श्री आडवाणी ने भी ‘मन की बात’ में भी यही भावना व्यक्त की है। श्री आडवाणी ने कहा कि मेरे लिए पहले देश फिर पार्टी और अंत में मै।
श्री आडवाणी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है और वह योग्य तथा निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए।
संपादकीय में लिखा गया है कि विपक्षी दल ने अफवाह उड़ायी है कि यदि श्री मोदी दोबारा जीत गये तो में देश में तानाशाही और देश व्यक्ति केन्द्रित बना जायेगा। श्री मोदी संविधान का गला घोंट देंगे और फिर चुनाव नहीं होगा। इस तरह की बातों से विपक्ष की हताशा झलकती है।
विरोधियों को चाहिए कि वे दृढ़ता से खड़े रहे और जो उन्हें मंजूर नहीं उसका विरोध करें। विरोधियों का एक नेता नहीं, एक विचार नहीं एसलिए उनमें एकता नहीं है और इसके लिए श्री मोदी या एनडीए क्या कर सकती है।
यदि विरोधी नैतिकता, धैर्य और एकता दिखायी तो सत्ताधारी बेलगाम नहीं होंगे।
त्रिपाठी राम
वार्ता
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