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खनकती आवाज की मल्लिका थी शमशाद बेगम

(जन्म शताब्दी 14 अप्रैल के अवसर पर)
मुंबई 13 अप्रैल (वार्ता) जिन लोगों ने चालीस के दशक में बनी फिल्म पतंगा के गीत ‘मेरे पिया गये रंगून किया है वहां से टेलीपून..सुना होगा उन्हें अवश्य पता होगा कि इस फिल्म में शमशाद बेगम ने अपनी जादुई आवाज दी थी।
खनकती आवाज की मल्लिका कही जाने वाली शमशाद बेगम का जन्म पंजाब के अमृतसर में 14 अप्रैल 1919 को हुआ। इस दौर में भोंपू और ग्रामोफोन से यदि कोई आवाज निकलती तो शमशाद उसे गाने लगती। यही उनका रियाज और उनकी साधना थी। संगीतकार मास्टर गुलाम हैदर ने जब शमशाद की आवाज को सुना तब महज 13 वर्ष की उम्र में एक पंजाबी गीत “हथ जोड़िया पंखिया दे” गवाया।
शमशाद बेगम की आवाज में रचा बस यह गीत काफी लोकप्रिय हुआ। इसके बाद रिकार्ड कंपनी ने उनसे कई गीत गवाये। उस दौर में शमशाद बेगम को प्रति गीत साढ़े 12 रुपये मिला करते थे। इसी दौरान पंजाबी फिल्मों के जाने माने फिल्मकार दिलसुख पंचोली ने शमशाद बेगम की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपनी फिल्म यमला जट में पार्श्वगायन का मौका दिया। इस फिल्म के लिये शमशाद बेगम ने आठ गीत गाये। रोचक तथ्य है इसी फिल्म से सदी के खलनायक प्राण ने अपनी अभिनय यात्रा शुरू की थी।
प्रेम, उप्रेती
जारी वार्ता
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