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अभिनय के बाद पिता की राजनीतिक विरासत को भी आगे लाये सनी देओल

मुंबई, 01 जून (वार्ता) बॉलीवुड के माचोमैन सनी देवोल ने न सिर्फ अपने पिता ही मैन धर्मेन्द्र की अभिनय की विरासत को आगे बढ़ाया बल्कि इस बार के लोकसभा चुनाव में सासंद निर्वाचित होकर उनकी राजनीतिक विरासत भी संभाल ली है।
सनी देओल ने इस बार के चुनाव में राजनीति में प्रवेश किया। सनी देओल ने पंजाब की गुरदासपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की टिकट पर चुनाव लड़ा। सनी देओल ने कांग्रेस के सुनील कुमार जाखड़ को शिकस्त दे दी और पिता धर्मेन्द्र की राजनीतिक विरासत को भी संभाल लिया। वर्ष 2004 के आम चुनाव में धर्मेन्द्र ने भाजपा की टिकट पर बीकानेर लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी।
उन्नीस अक्तूबर 1956 को जन्मे सनी देवोल को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता धमेन्द्र हिंदी फिल्मों के जाने माने अभिनेता थे। सनी देओल की माँ का नाम प्रकाश कौर है। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण सनी देवोल अक्सर अपने पिता के साथ शूटिंग देखने जाया करते थे, इस वजह से उनका भी रुझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे। सनी देवोल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से पूरी की। इसके बाद उन्होंने इंगलैंड के मशहूर ओल्ड बेव थियेटर में अभिनय की शिक्षा पूरी की। सनी देवोल ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत अपने पिता की निर्मित फिल्म .बेताब. से की। वर्ष 1983 में राहुल रवैल के निर्देशन में युवा प्रेम कथा पर बनी यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी।
फिल्म बेताब की सफलता के बाद सनी देवोल को सोहनी महिवाल, मंजिल मंजिल, सनी, जबरदस्त जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला लेकिन इनमें से कोई फिल्म टिकट खिड़की पर कामयाब नहीं हो सकी। वर्ष 1985 में सनी देवोल को एक बार फिर से राहुल रवैल के निर्देशन में बनी फिल्म .अर्जुन. में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में सनी देवोल ने एक ऐसे युवा की भूमिका निभाई जो राजनीति के दलदल में फंस जाता है। फिल्म की सफलता के साथ ही सनी देवोल एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खोई हुयी पहचान बनाने में कामयाब हो गये।
प्रेम.श्रवण
जारी वार्ता
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