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नये मंत्रियों पर सरकार देगी अदालत में जवाब: फडनवीस

मुंबई, 25 जून (वार्ता) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार हाल ही में शामिल किये गये तीन नये मंत्रियों के संबंध में बम्बई उच्च न्यायालय की ओर से मांगा गया जवाब अदालत में देगी।
हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और मंत्री बनाये गये राधाकृष्ण विखे पाटिल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से शिव सेना में शामिल हुए तथा मंत्री बनाये गये जयदत्त क्षीरसागर और रिपबल्किन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) से मंत्री बनाये गये अविनाश महाटेकर के संबंध में आज विधान सभा में प्रश्न उठाया गया और इन्हें मंत्री बनाये जाने को असंवैधानिक कहा गया। श्री फडनवीस ने हालांकि इन मंत्रियों का बचाव करते हुए कहा कि सरकार अदालत में विस्तृत जवाब दाखिल करेगी।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने विधान सभा में प्रश्न उठाते हुए कहा कि राज्य के महाधिवक्ता को बुलाया जाय और वह बताएं कि तीनो मंत्रियों के संबंध में उन्होंने श्री फडनवीस को क्या सलाह दी। उन्होंने इन मंत्रियों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने 91 वें संविधान संशोधन का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट लिखा है कि यदि कोई सांसद या विधायक अपनी सदस्यता से इस्तीफा देता है तो उसे तुरंत मंत्री नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों को दोबारा चुने जाने के बाद मंत्री बनाया जा सकता है।
इसके जवाब में श्री फडनवीस ने कि उच्च न्यायालय से नोटिस मिलने के बाद जवाब देंगे। उच्च न्यायालय ने इस मामले में चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कल नोटिस जारी किया था। वकील सतीश तलेकर ने तीनो मंत्रियों के खिलाफ याचिका दाखिल कर कहा था कि मंत्री बनाये गये तीनों राज्य विधान मंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
अदालत मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद करेगी।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में विधान सभा का चुनाव अक्टूबर माह में हो सकता है जिसमें अब करीब चार माह ही बचे हैं। मंत्री बनाये गये किसी भी व्यक्ति को छह माह के भीतर विधानमंडल के दाेनों सदनों में से किसी एक का सदस्य होने की अनिवार्यता होती है।
त्रिपाठी.संजय
वार्ता
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