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जमीन घोटाले को लेकर में विपक्ष ने चंद्रकांत पाटिल से की इस्तीफे की मांग

मुंबई, 27 जून (वार्ता) महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्षी दलों ने गुरुवार को कथित जमीन घोटाले को लेकर राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल से इस्तीफे की मांग की।
इस मामले को लेकर विधान भवन के बाहर सीढ़ियाें के पास विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी दल के विधायकों ने मंत्री और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाये और मंत्री को बर्खास्त करने या इस्तीफा देने की मांग की।
विधानसभा में विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि जमीन के संबंध में मंत्री पर गंभीर आरोप हैं। इसलिए इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन होना चाहिए।
वहीं, सदन में कांग्रेस के उप नेता नसीम खान ने कहा कि जांच पूरी होने तक मंत्री को अपने पद पर नहीं रहना चाहिए। उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
इस मामले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक एवं पूर्व राजस्व मंत्री जयंत पाटिल ने बुधवार को विधानसभा में उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि श्री पाटिल ने अपने पद को दुरुपयोग कर डेवलपर्स को फायदा पहुंचाया, जिसके कारण 2018 और 2019 में पुणे में दो भूमि सौदों में सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने ने कहा कि कासानंद गांव में लगभग 42 एकड़ जमीन मंदिर ट्रस्ट की थी जिसे मंत्री ने निजी जमीन घोषित किया और बिना प्रीमियम शुल्क के लाभार्थी को दे दिया गया। उन्होंने बताया कि इस जमीन को बम्बई के राज्यपाल ने 1961 में महटोबा मंदिर देवस्थान को दान में दी थी। बाद में इस जमीन को गैर कृषि जमीन में के लिए आवेदन किया गया।
उन्होंने बताया कि जब राजस्व आयोग ने प्रीमियम शुल्क का भुगतान नहीं करने की याचिका खारिज कर दी तब यह मामला राजस्व मंत्री के पास पहुंचा और उन्होंने इस जमीन को निजी भूमि बताते हुए प्रीमियम शुल्क नहीं लिया और सत्ता का दुरुपयोग करते हुए लेनदेन को सही करार दिया।
उधर, राजस्व मंत्री पाटिल ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि भूमि सौदे को उचित तरीके से किया गया था और इससे सरकार को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
त्रिपाठी, संतोष
वार्ता
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