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हिन्दुओं के ‘सहिष्णुता के संस्कार’ से तैयार हुई भारत की पंथनिरपेक्षता की नींव: नकवी

मुंबई, 29 जून (वार्ता) केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत की पंथनिरपेक्षता की मजबूत नींव बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय के “सहिष्णुता के संस्कार” से तैयार हुई है।
श्री नकवी ने मुंबई के हज हाउस में शनिवार को पुनर्निर्मित हॉल का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा पंथनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक देश इसलिए है कि बंटवारे के बाद जब पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र बन रहा था तब भारत के बहुसंख्यक हिन्दू समाज ने पंथनिरपेक्षता का रास्ता चुना।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में अलग-अलग भाषा, आस्था, खान-पान, रहन-सहन के बावजूद भी भारत की इसी संस्कृति और संस्कार ने हमें एकता की मजबूत डोर से बांध रखा है। आज भारत में अल्पसंख्यक पूरी तरह से अपने धार्मिक-सामाजिक सरोकार की स्वतंत्रता के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि भारत के इसी एकता और सौहार्द की साझा संस्कृति ने आतंकवाद और मानवता के अन्य दुश्मनों को परास्त किया है और देश में अलकायदा और इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसी शैतानी ताकतों की जड़ों को जमने नहीं दिया। भारत का मुस्लिम समाज अच्छी तरह जानता है कि आतंकवाद मानवता ही नहीं इस्लाम का भी सबसे बड़ा शत्रु है।
उन्होंने कहा कि हमें पूरी तरह से सतर्क रहना चाहिए कि कोई भी नकारात्मक एजेंडा, विकास और सौहार्द के माहौल को खराब न करने पाए। पंथनिरपेक्षता और लोकतंत्र को हमें सकारात्मक ताकत बनाना होगा, नकारात्मक कमजोरी नहीं।
श्री नकवी ने कहा कि 2019 में दो लाख भारतीय मुसलमान बिना किसी सब्सिडी के हज यात्रा करेंगे, हमारी ईमानदार-पारदर्शी व्यवस्था का नतीजा है कि सब्सिडी ख़त्म होने के बाद भी हज यात्रियों पर गैर जरूरी बोझ नहीं पड़ने पाया और देश के इतिहास में सबसे ज्यादा भारतीय मुसलमान इस वर्ष हज यात्रा पर जायेंगे।
उन्होंने कहा कि देश भर के 21 हवाई अड्डों से 500 से ज्यादा फ्लाइटों के जरिये भारतीय मुसलमान इस वर्ष हज पर जायेंगे। इन हज यात्रियों में एक लाख 40 हजार हज यात्री हज कमिटी ऑफ इंडिया और 60 हजार हज यात्री हज ग्रुप ऑर्गनाइजर (एचजीओ) के जरिये हज पर जायेंगे। हज समूह आयोजकों को भी 10 हजार हज यात्रियों को हज कमेटी ऑफ इंडिया के निर्धारित पैकेज पर ही ले जाना होगा।
श्री नकवी ने कहा कि इस बार पारदर्शिता और हज यात्रियों की सहूलियत के लिए हज समूह आयोजकों का भी पोर्टल बनाया गया है जिसमें सभी अधिकृत एचजीओ के पैकेज आदि सभी जानकारी दी गई हैं।
श्री नकवी ने कहा कि इस वर्ष बिना मेहरम (पुरुष रिश्तेदार) के हज यात्रा पर जाने वाली महिलाओं की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुनी होगी। इस वर्ष 2340 महिलाएं बिना मेहरम के हज पर जा रही हैं जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 1180 थी। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बिना मेहरम के हज पर जाने के लिए आवेदन करने वाली इन सभी महिलाओं को बिना लाटरी के हज यात्रा पर जाने की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त भारत से जाने वाले 2 लाख हज यात्रियों में लगभग 48 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं।
हज यात्रा के लिए उड़ानें 04 जुलाई 2019 से शुरू हो रही हैं। चार जुलाई को दिल्ली, गया, गुवाहाटी, श्रीनगर से फ्लाइट्स जाना शुरू होंगी। बेंगलुरु (07 जुलाई), कालीकट (07 जुलाई), कोचीन (14 जुलाई), गोवा (13 जुलाई), मंगलोर (17 जुलाई), मुंबई (14 जुलाई, 21 जुलाई), श्रीनगर (21 जुलाई) से हज यात्री रवाना होंगे। दूसरे चरण में अहमदाबाद (20 जुलाई), औरंगाबाद (22 जुलाई), भोपाल (21 जुलाई), चेन्नई (31 जुलाई), हैदराबाद (26 जुलाई), जयपुर (20 जुलाई), कोलकाता (25 जुलाई), लखनऊ (20 जुलाई), नागपुर (25 जुलाई), रांची (21 जुलाई) और वाराणसी (29 जुलाई) को हज यात्री जाना शुरू होंगे।
रवि.श्रवण
वार्ता
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