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राज्य » गुजरात / महाराष्ट्र


ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना

..पुण्यतिथि 24 अगस्त के अवसर पर ..
मुंबई 23 अगस्त (वार्ता)
..जिंदगी से बहुत प्यार हमने किया
मौत से भी मोहब्बत निभायेगें हम
रोते रोते जमाने में आये मगर
हंसते हंसते जमाने से जायेगे हम.
जिंदगी के अनजाने सफर से बेहद प्यार करने वाले हिन्दी सिने जगत के मशहूर संगीतकार कल्याण जी का जीवन से प्यार उनकी संगीतबद्ध इन पंक्तियों मे समाया हुआ है।
कल्याणजी वीर जी शाह का जन्म गुजरात में कच्छ के कुंडरोडी मे 30 जून 1928 को हुआ था। बचपन से ही कल्याण जी संगीतकार बनने का सपना देखा करते थे हालांकि उन्होने किसी उस्ताद से संगीत की शिक्षा नही ली थी और अपने इसी सपने को पूरा करने के लिये वह मुंबई आ गये।
मुंबई आने के बाद उनकी मुलाकात संगीतकार हेमंत कुमार से हुयी जिनके सहायक के तौर पर कल्याण जी काम करने लगे। बतौर संगीतकार सबसे पहले वर्ष 1958 मे प्रदर्शित फिल्म .सम्राट चंद्र्रगुप्त. में उन्हें संगीत देने का मौका मिला लेकिन फिल्म की असफलता से वह कुछ खास पहचान नही बना पाये।अपना वजूद तलाशते कल्याण जी को बतौर संगीतकार पहचान बनाने के लिये लगभग 2 वर्ष तक फिल्म इंडस्ट्री मे संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने कई बी और सी ग्रेड की फिल्में भी की। वर्ष 1960 मे उन्होंने अपने छोटे भाई आनंद जी को भी मुंबई बुला लिया।इसके बाद कल्याणजी ने आंनद जी के साथ मिलकर फिल्मों मे संगीत देना शुरू किया।
प्रेम टंडन
जारी वार्ता
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