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राज्य » गुजरात / महाराष्ट्र


राजकपूर उन दिनों अपनी फिल्म ..बरसात ..के लिये गीतकार की तलाश कर रहे थे। उन्होंने हसरत जयपुरी को मिलने का न्योता भेजा। राजकपूर से हसरत जयपुरी की पहली मुलाकात .रायल ओपेरा हाउस. में हुयी और उन्होने अपनी फिल्म बरसात के लिये उनसे गीत लिखने की गुजारिश की। इसे महज संयोग ही कहा जायेगा कि फिल्म बरसात से ही संगीतकार शंकर जयकिशन ने भी अपने सिने करियर की शुरूआत की थी ।
राजकपूर के कहने पर शंकर जयकिशन ने हसरत जयपुरी को एक धुन सुनाई और उस पर उनसे गीत लिखने को कहा। धुन के बोल कुछ इस प्रकार थे ..अंबुआ का पेड़ है वहीं मुंडेर है .. आजा मेरे बालमा काहे की देर है ..
शंकर जयकिशन की इस धुन को सुनकर हसरत जयपुरी ने गीत लिखा..
जिया बेकरार है छाई बहार है
आजा मेरे बालमा तेरा इंतजार है ..
वर्ष 1949 में प्रदर्शित फिल्म बरसात में अपने इस गीत.. की कामयाबी के बाद हसरत जयपुरी गीतकार के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गये। बरसात की कामयाबी के बाद राजकपूर. हसरत जयपुरी और शंकर -जयकिशन
की जोड़ी ने कई फिल्मो मे एक साथ काम किया। हसरत जयपुरी की जोड़ी राजकपूर के साथ वर्ष 1971 तक कायम रही। संगीतकार जयकिशन की मृत्यु और फिल्म मेरा नाम जोकर और कल आज और कल की बॉक्स आफिस पर नाकामयाबी के बाद राजकपूर ने हसरत जयपुरी की जगह आनंद बख्शी को अपनी फिल्मों के लिये लेना शुरू कर दिया ।
प्रेम, प्रियंका
जारी वार्ता
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