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मुंबई का एकाउंटेंट फैयाज बना नया करोड़पति

मुंबई, 05 अक्टूबर (वार्ता) मुंबई का एकाउंटेंट और कर्नाटक निवासी मोहम्मद फैयाज की अबुधाबी की लॉटरी का टिकट खरीदने से तकदीर ही बदल गयी और मात्र 24 साल की उम्र में 23 करोड़ रुपये से अधिक का ईनाम जीतकर वह फूला नहीं समा रहा है।
फैयाज ने ईनाम के तौर पर एक करोड़ 20 लाख दिरहम जीते हैं जो भारतीय रुपये में 23 करोड़ रुपये से अधिक होता है। गुरुवार को राजधानी में लॉटरी के ताजे ड्रॉ में उसके टिकट संख्या 059070 को विजेता घोषित किया गया है।
फैयाज यहां अपनी इस बड़ी जीत के बावजूद शांत और स्थिर बना हुआ है। आम तौर पर ऐसी जीत के बाद एक व्यक्ति से जिसकदर उत्साह की उम्मीद की जाती है उसके स्वभाव में ऐसी कोई झलक नहीं मिली।
देशी विदेशी मीडिया को उससे संपर्क करने में एड़ी चोटी को जोर लगाना पड़ रहा है। गल्फ न्यूज को शुक्रवार को फैयाज से संपर्क करने के लिए अनेकों बार कॉल करने पड़े तब जाकर उससे संपर्क स्थापित हो पाया। स्वाभाविक रूप से इस बड़ी जीत के बाद उसके चाहने वाले और अन्य लोगों के कॉल भी आ रहे होंगे।
जीतने वाली रात के भी लॉटरी कंपनी बिग टिकट ड्रॉ के आयोजकों को उनसे संपर्क करने के लिए उन्हें कई बार फोन करना पड़ा। फैयाज की लाइन पहले चार बार व्यस्त रही जबकि पांचवें प्रयास में उसने अपना फोन उठाया।
फ़ैयाज़ ने 30 सितंबर को ऑनलाइन के माध्यम से अपने विजयी टिकट खरीदा और अपने कमरे में रहने वाले अन्य साथियों के साथ अपने टिकट को साझा किया। उसने कहा,“यह छठी बार है जब मैं ऑनलाइन के माध्यम से बिग टिकट खरीद रहा हूं। यह तय है कि मैं और कमरे के अन्य साथी हर महीने बिग टिकट खरीदते हैं।”
उन्होंने कहा कि एक करोड़ 20 लाख दिरहम की जीत भारतीय रुपए मेें 23 करोड़ रुपये में बदल जाती है। उन्होंने कहा, “हमने यह तय नहीं किया है कि किसे कितना मिलेगा लेकिन हम सभी को पैसे का एक बड़ा हिस्सा ज़रूर मिलेगा।”
फैयाज वर्तमान में मुंबई में एकाउंटेंट के रूप में काम करते हैं। वह कर्नाटक के मैंगलोर का निवासी है। उनके माता-पिता का निधन हो चुका है और उनके परिवार में एक बड़ा भाई, बहन और छोटी बहन है।
फैयाज ने कहा,“निश्चित रूप से पैसे का कुछ हिस्सा मेरे परिवार के लिए जाएगा। मैंने अभी तक राशि तय नहीं की है। मेरी छोटी बहन पढ़ाई कर रही है इसलिए मैं उसकी मदद करना चाहूंगा। बाकी बचत में जाएंगे। मुझे नहीं पता कि क्या कभी मैं फिर से इतनी बड़ी राशि जीत पाऊंगा। साथ ही देश में अर्थव्यवस्था कुछ चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही है। इस तरह के समय में मैं इस पैसे को अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के लिए सुरक्षित रखना चाहता हूं।”
संजय.श्रवण
वार्ता
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