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बहुमखी प्रतिभा के रूप में पहचान बनायी देवेन वर्मा ने

..जन्म दिवस 23 अक्तूबर के अवसर पर ..
मुंबई 22 अक्तूबर (वार्ता) हिंदी फिल्म जगत में देवेन वर्मा का नाम एक ऐसी शख्सियत के तौर पर लिया जाता है जिन्होंने न सिर्फ अभिनय की प्रतिभा बल्कि फिल्म निर्माण और निर्देशन से भी दर्शकों को अपना दीवाना बनाया है।
देवेन वर्मा का जन्म 23 अक्तूबर 1937 को हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुणे के नौवरसे वाडिया कॉलेज से पूरी की। साठ के दशक में बतौर अभिनेता बनने का सपना लेकर वह मुंबई आ गये। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1961 में यश चोपड़ा निर्देशित फिल्म धर्म पुत्र से की। बहुत कम लोगो को पता होगा कि इस फिल्म से ही अभिनेता शशि कपूर ने अपने सिने करियर की शुरूआत की थी। फिल्म टिकट खिड़की पर कामयाब तो हुयी
लेकिन देवेन वर्मा दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकषिर्त करने में असफल रहे। वर्ष 1963 में देवेन वर्मा को बी.आर.चोपड़ा की फिल्म गुमराह में काम करने का अवसर मिला लेकिन इनसे उन्हें कोई खास फायदा नही पहुंचा।
वर्ष 1966 देवेन वर्मा के सिनेमा करियर के लिये अहम वर्ष साबित हुया। इस वर्ष उनकी देवर बहारे फिर भी आयेगी और अनुपमा जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी। इन फिल्मों में उनके अभिनय के विविध रूप देखने को मिले। फिल्मों की सफलता के बाद देवेन वर्मा दर्शको के बीच अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। वर्ष 1969 में प्रदर्शित फिल्म यकीन के जरिये देवेन वर्मा ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। धमेन्द्र और शर्मिला टैगोर की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी ।
वर्ष 1971 में देवेन वर्मा ने फिल्म नादान के जरिये निर्देशन के क्षेत्र में भी अपना रूख किया। आशा पारेख और नवीन निश्चल की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म टिकट खिड़की पर कामयाब नही हो सकी। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म बेशर्म में देवेन वर्मा को सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को निर्देशित करने का मौका मिला। लेकिन कमजोर
पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह से नकार दी गयी। लेकिन इस फिल्म में देवेन वर्मा ने तिहरी भूमिका निभाकर दर्शको को रोमांचित कर दिया।
प्रेम,जतिन
जारी वार्ता
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