राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Oct 26 2019 12:19PM हिन्दी सिनेमा के राजकुमार थे प्रदीप कुमार..पुण्यतिथि 27 अक्टूबर के अवसर पर..मुंबई 26 अक्टूबर (वार्ता) हिन्दी सिनेमा में प्रदीप कुमार को ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने 50 और 60 के दशक में अपने ऐतिहासिक किरदारों के जरिये दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। पचास और साठ के दशक में फिल्मकारों को अपनी फिल्मों के लिए जब भी किसी राजा, महाराजा ,या फिर राजकुमार अथवा नवाब की भूमिका की जरुरत होती थी वह प्रदीप कुमार को याद करते थे। उनके उत्कृष्ट अभिनय से सजी अनारकली, ताजमहल, बहू बेगम और चित्रलेखा जैसी फिल्मों को दर्शक आज भी नहीं भूले हैं। पश्चिम बंगाल में चार जनवरी 1925 को एक ब्राह्मण परिवार में जन्में शीतल बटावली उर्फ प्रदीप कुमार बचपन से ही फिल्मों में बतौर अभिनेता काम करने का सपना देखा करते थे। अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वह अपने जीवन के शुरुआती दौर में रंगमंच से जुड़े। हालांकि इस बात के लिए उनके पिताजी राजी नहीं थे। वर्ष 1944 में उनकी मुलाकात निर्देशक देवकी बोस से हुई, जो एक नाटक में प्रदीप कुमार के अभिनय को देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्हें प्रदीप कुमार में एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया और उन्होंने अपनी बंगला फिल्मअलखनंदा में उन्हें काम करने का मौका दिया ।प्रेम, रविजारी वार्ता