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महाराष्ट्र के नांदेड में 1201 किसानों ने की आत्महत्या

नांदेड 15 नवंबर (वार्ता) महराष्ट्र के नांदेड जिले में फसल खराब होने और अन्य कारणों के चलते पिछले 16 वर्षाें के दौरान 1201 किसानों ने आत्महत्या की।
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2003 से 2019 के बीच इन किसानों ने अपनी परेशानियों का सामना करने के बजाय खुदकुशी का रास्ता चुना और मौत को गले लगा लिया। इस साल के ताजे आंकड़ों के मुताबिक पिछले साढ़े 11 महीनों के दौरान 100 किसानों ने आत्महत्या की है।
आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने आत्महत्या करने वाले 100 में से केवल 75 किसानों को ही आर्थिक सहायता मुहैया कराई है जबकि 11 मामलों में आवेदनों को तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया है जबकि बाकी किसानों के परिजन अभी भी सरकारी सहायता की बाट जोह रहे हैं।
इस साल किसान आत्महत्या के सबसे अधिक मामले अगस्त में दर्ज किये गये जब 13 खुदकुशी के मामले सामने आये। इसके बाद मई महीने में 12 किसानों ने आत्महत्या की थी जबकि अप्रैल में सबसे कम दो घटनायें सामने आयीं थीं। जून-जुलाई में 11-11 किसानों ने आत्महत्या की थी जबकि जनवरी और अक्टूबर में सात-सात किसानों ने खुदकुशी कर ली थी। फरवरी और मार्च में 10-10 किसानों ने मौत को गले लगा लिया जबकि सितंबर में यह संख्या घटकर नौ रह गई।
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर में अभी तक आठ किसानों ने विभिन्न तरीके अपनाकर आत्महत्या कर ली है जबकि अभी आधा महीना बाकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक प्राक़तिक आपदाओं के चलते होने वाले फसलों का नुकसान किसी भी किसान का कमर तोड़ देती है। इसके साथ-साथ पारिवारिक दायित्व, उत्पादों को उचित समर्थन मूल्य नहीं मिलना, विभिन्न प्रकार के बढ़ते कर्ज तथा बिचौलियों के दबाव के आगे भी गरीब किसानों के समक्ष आत्महत्या जैसा अतिवादी कदम ही एकमात्र सुगम माध्यम के तौर पर बच जाता है। प्रकृति ने इस वर्ष भी बेमौसम बरसात कर फसलाें को खासा नुकसान पहुंचाया है।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से सभी पीड़ित किसानों के परिजनों को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। किसानों के परिजन इसे पर्याप्त नहीं मानते और इस राशि को बढ़ाने की मांग करते हैं।
संजय, शोभित
वार्ता
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