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मुंबई में शिव सेना, कांग्रेस और राकांपा का शक्ति प्रदर्शन

मुंबई 25 नवंबर (वार्ता) शिव सेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक और शीर्ष नेता शक्ति प्रदर्शन करने के लिए सोमवार को मुंबई के एक पांच सितारा होटल में पहुंचे।
शिव सेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत द्वारा राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को होटल में आकर तीन पार्टियों के संख्या बल को देखने का निमंत्रण देने के बाद लगभग 162 विधायक और इन पार्टियों के शीर्ष नेता यहां के ग्रांड हयात होटल में इकट्ठा हुए।
इस मौके पर राकांपा नेता जितेंद्र अव्हाड ने तीनों पार्टियों के विधायकों की ओर से एक संकल्प पत्र पढ़ा। पत्र में लिखा था, “मैं अपनी पार्टी के प्रति वफादार रहूंगा और किसी लालच में नहीं आऊंगा। मैं ऐसा कोई कार्य नहीं करूंगा, जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा होगा। मैं पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होऊंगा।”
वहीं राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इस मौैके पर कहा कि उनके गठबंधन को बहुमत साबित करने में परेशानी नहीं होगी।
उन्होंने बागी नेता अजीत पवार को ओर इशार करते हुए कहा कि जो पार्टी से निलंबित हो गया है, वह किसी तरह का आदेश नहीं दे सकता है।
उन्होंने कहा, “बहुमत साबित करने वाले दिन मैं विधानसभा में 162 से अधिक विधायकों को लेकर आऊंगा। यह गोवा नहीं है, यह महाराष्ट्र है।”
शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे गठबंधन की ताकत को किसी कैमरे में कैद नहीं किया जा सकता है। हम लोग यहां आये हैं और हमारे रास्ते स्पष्ट है।”
उन्होंने कहा, “यदि आपको नहीं पता है कि शिव सेना क्या है, तो हमारा रास्ता काटने का प्रयास करें, हम आपको दिखायेंगे कि शिव सेना क्या है? हम महाराष्ट्र से इसकी शुरुआत कर रहे हैं और फिर आगे बढ़ेेंगे।”
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरट ने कहा कि महा विकास अगाड़ी की यहां पहली बैठक हो रहा है। यह बैठक साबित करेगी की सरकार बनाने के लिए किसके पास बहुमत है। हमने राज्यपाल कार्यालय को 162 विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र को सौंपा है। हमारे संख्या बल को देखने के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।”
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा, “ हमारे पास 162 से अधिक विधायक है। हमने भाजपा को सत्ता से बाहर रखने का फैसला लिया है। हमने 162 विधायकों के हस्ताक्षर वाले पत्र को राजभवन को सौंपा है। हमारे पास बहुमत है और हमें सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।”
संतोष, यामिनी
वार्ता
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