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स्मिता पाटिल ने समानांतर फिल्मों को नया आयाम दिया

.. पुण्यतिथि 13 दिसंबर के अवसर पर ..
मुंबई 12 दिसंबर (वार्ता) भारतीय सिनेमा के नभमंडल में स्मिता पाटिल ऐसे ध्रुवतारे की तरह है जिन्होंने अपने सशक्त अभिनय से समानांतर सिनेमा के साथ-साथ व्यावसायिक सिनेमा में भी दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनायी ।
सत्रह अक्तूबर 1955 को पुणे शहर में जन्मी स्मिता ने अपनी स्कूल की पढ़ाई महाराष्ट्र से पूरी की । उनके पिता शिवाजी राय पाटिल महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे जबकि उनकी मां समाज सेविका थी। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह मराठी टेलीविजन में बतौर समाचार वाचिका काम करने लगी । इसी दौरान उनकी मुलाकात जाने माने निर्माता. निर्देशक श्याम बेनेगल से हुयी। बेनेगल उन दिनों अपनी फिल्म ..चरण दास चोर ..बनाने की तैयारी में थे ।
बेनेगल ने स्मिता में एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया और अपनी फिल्म ..चरण दास चोर ..में उन्हें एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर दिया । भारतीय सिनेमा जगत में चरण दास चोर को ऐतिहासिक फिल्म के तौर पर याद किया जाता है क्योंकि इसी फिल्म के माध्यम से बेनेगल और स्मिता के रूप में कलात्मक फिल्मों के दो दिग्गजों का आगमन हुआ ।
बेनेगल ने स्मिता के बारे मे एक बार कहा था, “ मैंने पहली नजर में ही समझ लिया था कि स्मिता में गजब की स्क्रीन उपस्थिति है और जिसका उपयोग रूपहले पर्दे पर किया जा सकता है । फिल्म ..चरण दास चोर .. हालांकि बाल फिल्म थी लेकिन इस फिल्म के जरिये स्मिता ने बता दिया था कि हिंदी फिल्मों मे खासकर यथार्थवादी सिनेमा में एक नया नाम स्मिता पाटिल के रूप में जुड़ गया है ।”
प्रेम टंडन
जारी वार्ता
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