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जेएनयू छात्रों पर हमले की निंदा करने के लिए छात्र मुंबई में धरने पर बैठे

मुंबई, 06 जनवरी (वार्ता) विभिन्न छात्र संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और प्रमुख नेताओं ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में नकाबपोश उपद्रवियों द्वारा छात्रों पर किये गये हमले की निंदा करने के लिए सोमवार को यहां गेटवे ऑफ इंडिया पर धरना दिया।
छात्रों ने जेएनयू के छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए बैनर और पोस्टर लगाए। राकांपा के वरिष्ठ नेता और आवास मंत्री डॉक्टर जितेंद्र अव्हाड़ ने भाजपा पर आरोप लगाया कि भारत में लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “ जेएनयू हिंसा (अमित) शाह प्रायोजित आतंकवाद है। देश इस बर्बर कृत्य की निंदा करता है। यह देखकर अच्छा लगा कि श्री मोदी और शाह केवल एक ही चीज़ से डरते हैं, वह है जेएनयू की बुद्धि।”
इसके अलावा, पवई में आईआईटी बॉम्बे कैंपस के पास और पुणे के एफटीआईआई कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया गया, जहां छात्रों ने जेएनयू में छात्रों और प्रोफेसरों के खिलाफ अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारे लगाए। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इसे “सुनियोजित हमला” करार दिया और कहा कि छात्रों और प्रोफेसरों पर कायरतापूर्ण हमला किये गये।
श्री पवार ने कहा, “ मैं बर्बरता और हिंसा के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि हिंसक साधनों का उपयोग लोकतांत्रिक मूल्यों को दबाने के लिए किया गया है और यह सोच कभी सफल नहीं होगी।”
कांग्रेस के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने जेएनयू के अंदर “एबीवीपी के गुंडों द्वारा की गई क्रूर हिंसा” की कड़ी आलोचना की। शिवसेना नेता और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करते हुए छात्रों द्वारा
की गई हिंसा और क्रूरता चिंताजनक है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने जेएनयू हिंसा की कड़ी निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
श्री मलिक ने कहा, “ हॉस्टल पर हमला किया जा रहा है। छात्रों और कर्मचारियों को पीटा जा रहा है। पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए कार्रवाई नहीं कर रही है। भाजपा की देश के भविष्य के साथ खेल रही है।”
त्रिपाठी.श्रवण
वार्ता
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