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रूमानी गीतों से श्रोताओं को दीवाना बनाया महेन्द्र कपूर ने

..जन्मदिन 09 जनवरी के अवसर पर ..
मुंबई 08 जनवरी (वार्ता) बॉलीवुड में महेन्द्र कपूर का नाम एक ऐसे पार्श्वगायक के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने लगभग पांच दशक तक अपने रूमानी गीतो से श्रोताओं के दिलों पर अमिट छाप बनायी।
महेन्द्र कपूर का जन्म 09 जनवरी 1934 को अमृतसर में हुआ था। बचपन से ही महेन्द्र कपूर का रूझान संगीत की ओर था। महेन्द्र कपूर ने संगीत की अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुस्नलाल-भगतराम, उस्ताद नियाज अहमद खान, उस्ताद अब्दुल रहमान खान और पंडित तुलसीदास शर्मा से हासिल की।
मोहम्मद रफी से प्रभावित होने के कारण वह उन्ही की तरह पार्श्वगायक बनना चाहते थे। अपने इसी सपने को पूरा करने के लिये महेन्द्र कपूर मुंबई आ गये। वर्ष 1958 में प्रदर्शित वी. शांताराम की फिल्म नवरंग में महेन्द्र कपूर ने सी.रामचंद्र के सगीत निर्देशन में ..आधा है चंद्रमा रात आधी से बतौर गायक महेन्द्र कपूर ने अपनी पहचान बना ली। इसके बाद महेन्द्र कपूर ने सफलता की नयी उंचाइयों को छुआ और एक से बढ़कर एक गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रेम राम
जारी वार्ता
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