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पार्श्वगायक बनना चाहते थे ओ.पी.नैय्यर

जन्मदिवस 16 जनवरी के अवसर पर ..
मुंबई 15 जनवरी (वार्ता) बॉलीवुड में ओ.पी.नैय्यर का नाम एक ऐसे संगीतकार के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने आशा भोंसले और गीता दत्त समेत कई गायक-गायिकाओं को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
लाहौर शहर (अब पाकिस्तान में) के एक मध्यम वर्गीय परिवार में 16 जनवरी 1926 को जन्में ओ.पी.नैयर का रूझान बचपन से ही संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायक बनना चाहते थे। दस वर्ष की उम्र में सबसे पहले उन्हें पंडित गोविंदराम के संगीत निर्देशन में पंजाबी फिल्म ‘दुल्हा भट्टी’ में कोरस के रूप में गाने का अवसर मिला। उन्हें बतौर पारिश्रमिक दस रुपये मिले।
इस बीच उन्होंने आकाशवाणी द्वारा प्रसारित कई कार्यक्रमों मे भी अपना संगीत दिया। भारत विभाजन के पश्चात उनका पूरा परिवार लाहौर छोड़कर अमृतसर चला आया। वर्ष 1949 मे बतौर संगीतकार फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिये ओ.पी.नैयर मुंबई आ गये। मुंबई मे उनकी मुलाकात जाने माने निर्माता निर्देशक कृष्ण केवल से हुयी जो उन दिनो फिल्म ‘कनीज’ का निर्माण कर रहे थे ।
कृष्ण केवल उनके संगीत बनाने के अंदाज से काफी प्रभावित हुये और उन्होंने फिल्म के बैक ग्राउंड संगीत देने की पेशकश की। वर्ष 1951 मे अपने एक मित्र के कहने पर वह मुंबई से दिल्ली आ गये और बाद में उसी मित्र के कहने पर उन्होंने निर्माता पंचोली से मुलाकात की जो उन दिनों फिल्म नगीना का निर्माण कर रहे थे। बतौर संगीतकार ओ पी नैय्यर ने वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म आसमान से अपने सिने कैरियर की शुरूआत की।
प्रेम.संजय
जारी.वार्ता
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