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शो मैन के रूप में पहचान बनायी सुभाष घई ने

..जन्मदिन 24 जनवरी के अवसर पर..
मुंबई 23 जनवरी (वार्ता) बॉलीवुड में सुभाष घई को एक ऐसे फिल्मकार के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने अपनी फिल्मों के जरिये राजकपूर के बाद दूसरे शो मैन के रूप में दर्शकों के दिलों पर खास पहचान बनायी है।
नागपुर में 24 जनवरी 1945 को जन्में सुभाष घई बचपन के दिनों से हीं फिल्मों में काम करना चाहते थे। अपने इसी सपने को साकार करने के लिये सुभाष घई ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में प्रशिक्षण लिया और अपने सपनों को पूरा करने के लिये मुंबई आ गये।
अपने करियर के शुरूआती दौर में सुभाष घई ने कुछ फिल्मों में अभिनय किया लेकिन बतौर अभिनेता अपनी पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सके। बतौर निर्देशक सुभाष घई ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म..कालीचरण..से की। इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा की दोहरी भूमिका थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।
वर्ष 1978 में सुभाष घई ने एक बार फिर से शत्रुघ्न सिन्हा को लेकर विश्वनाथ बनायी। इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा ने एक तेज तर्रार वकील की भूमिका निभायी थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा का बोला गया यह संवाद ..जली को आग कहते है बुझी को राख बनते है जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते है..दर्शकों के बीच आज भी लोकप्रिय है।
प्रेम, यामिनी
जारी वार्ता
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