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आपातकाल में जेल जाने वालों की पेंशन बंद करने पर विचार :विजय

नागपुर, 01 फरवरी (वार्ता) महाराष्ट्र विकास अघाडी (एमवीए) की सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत आपातकाल के समय में जेल जाने वालों को सम्मानित करने और पेंशन देने के लिए राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गयी पेंशन योजना बंद करने पर विचार कर रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने शनिवार को बताया कि आपातकाल में जेल में बंद किये गये लोग स्वतंत्रता सेनानी नहीं हैं जिन्हें पेशन दी जाए, इसलिए इस योजना को तुरंत बंद कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह ‘गलत’ है। इस योजना की घोषणा जुलाई 2018 को की गयी थी जबकि पेंशन जनवरी 2018 से दी गयी थी। उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि पीछे की तारीख से लाभ देना गलत है।
सूत्रों के अनुसार इस योजना के तहत 3267 व्यक्तिगत लोग पांच हजार से 10 हजार रुपये तक पेंशन जनवरी 2018 से ले रहे हैं और अब कानून और न्याय पालिका विभाग भी इस पर प्रश्न उठा रही है।
वित्त विभाग भी इस योजना के खिलाफ पहले अपनी टिप्पणी कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस योजना की शुरुआत महाराष्ट्र की देवेन्द्र फडनवीस की सरकार ने की थी और बाद में महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे शुरू किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को आपातकाल का विरोध करने के कारण जेल भेजा गया था। विरोध करने वाले हालांकि अन्य राजनीतिक दलों के लोगों को भी जेल भेजा गया था। इस योजना के तहत, जिन्हें एक महीने से अधिक की जेल हुई थी उन्हें प्रति माह 10,000 रुपये और जिन्हें एक महीने से कम अवधि के लिए जेल हुयी थी उन्हें प्रति माह 5,000 रुपये पेंशन दिया जा रहा है। 3,267 व्यक्ति जनवरी 2018 से पेंशन प्राप्त कर रहे हैं जबकि
राज्य में कम से कम 1,200 से अधिक आवेदन अंतिम मंजूरी के लिए लंबित हैं।
पेंशन लाभार्थियों ने आपातकाल में गिरफ्तारी की घोषणा 100 रुपये के स्टैंप पेपर में की है और इसी घोषणा के आधार पर पेंशन दी जा रही है। कानून और न्यायपालिका विभाग इस योजना को लागू करने के लिए इतनी ‘सरल’ प्रक्रिया
पर आपत्तियां उठा रही है।
त्रिपाठी.श्रवण
वार्ता
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