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कांग्रेस ने गोवा के पूर्व डीजीपी की आकस्मिक मौत की जांच की मांग की

पणजी, 30 अगस्त (वार्ता) गोवा प्रदेश कांग्रेस ने राज्य सरकार के ‘भाजपा-ड्रग माफिया’ साथ सांठगांठ का आरोप लगाते हुए पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रणव नंदा की आकस्मिक मौत की जांच की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने कहा, “हमारी मांग है कि गोवा के पूर्व डीजीपी प्रणव नंदा की आकस्मिक मौत की विस्तृत जांच की जानी चाहिए जिनका पिछले नवम्बर में दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। वह बहुत कुशल अधिकारी थे और नशीले पदार्थ संबंधी विभिन्न मामलों की जांच कर रहे थे। वह स्वस्थ थे और उनके पास स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं थी।”
श्री चोडणकर ने कहा, “हमें विश्वसनीय सूत्रों से पता चला कि डीजीपी प्रणव नंदा एक मामले में लगभग अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच गए थे। इस मामले में तटीय क्षेत्र के एक व्यवसायी को पुलिस अधिकारी ब्लैकमेल कर रहा था। यह अधिकारी नशीली दवाओं के मामले में उसे गलत तरीके से फंसाने की धमकी देकर उससे बड़ी राशि की मांग कर रहा था। डीजीपी नंदा ने उक्त व्यवसायी की शिकायत मिलने के बाद विभागीय जांच शुरू की थी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने डीजीपी नंदा पर जांच को धीमी करने के लिए दबाव डाला, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और पूछताछ जारी रखी जिसमें एक प्रभावशाली पुलिस अधिकारी को दोषी ठहराया गया था और उसे निलंबित किया जाने वाला था।
उन्होंने कहा, “इस बात का पता लगाया जाना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत या किसी अन्य मंत्री ने दिवंगत डीजीपी पर भाजपा के एक पूर्व विधायक और भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों की जांच रोकने का दवाब डाला? मुख्यमंत्री सावंत और उनके कैबिनेट मंत्रियों और दिवंगत प्रणब नंदा के टेलीफोन रिकॉर्ड मामले पर प्रकाश डाल सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि जिस तरह फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद गोवा ड्रग कनेक्शन सामने आ रहा है उसी तरह हम मांग करते हैं कि दिवंगत अभिनेता के दोस्त और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक के निर्माता संदीप सिंह की विस्तृत जांच की जाए। बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ उनके संबंधों को भी पूरी तरह से परखने की जरूरत है।
शुभम टंडन
वार्ता
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