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राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह के मुद्दे पर शोर-शराबा

मुंबई, 04 मार्च (वार्ता) महाराष्ट्र विधान सभा में विभिन्न विभागों की बजटीय मांगों पर हो रही बहस के दौरान गुरुवार को कांग्रेस नेता नाना पटोले की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह के मुद्दे को उठाने पर जोर दार हंगामा हुआ।
विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी जिरवाल ने शोर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए सदन की स्थगित कर दी।
श्री पटोले ने कहा कि जो लोग राम मंदिर निर्माण के लिए धन नहीं दे रहे हैं, उन्हें धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धन क्यों एकत्र कर रही है। क्या दान कानून पैसे की मांग करने का अधिकार देता है। विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडनवीस ने इसका विरोध किया और कहा कि वह चाहे तो राम मंदिर पर सदन में बहस करा सकते हैं।
इसके पूर्व विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष पद रिक्त होने पर सवाल उठाया। श्री पटोले ने चार फरवरी को विधान सभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उन्हें कांग्रेस ने महाराष्ट्र का पार्टी अध्यक्ष बना दिया था।
भाजपा के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सदन में कहा कि अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा शीघ्र होनी चाहिए। तीस दिन से अधिक विलंब पहले ही हो चुका है,यह संविधान का मजाक है। अध्यक्ष पद के चुनावी घोषणा के लिए मुख्यमंत्री के सलाह की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहले अधिक से अधिक एक से सात दिन तक ही अध्यक्ष का पद खाली रहा है। क्या आप अधिक से अधिक दिन पद रिक्त रख कर गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज कराना चाहते हैं।
अपनी टिप्पणी के समर्थन में श्री मुनगंटीवार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोई संवैधानिक मशीनरी न होने का हवाला देकर 17 फरवरी, 1980 को शरद पवार के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त कर दिया था।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद के चुनाव की घोषणा शीघ्र होनी चाहिए अन्यथा राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। इसके बाद श्री पटोले भाजपा और मुनगंटीवार पर कई तीखे हमले किये।
त्रिपाठी.श्रवण
वार्ता
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