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मनोरंजन-देवानंद पहचान तीन अंतिम मुंबई

देवानंद प्रख्यात उपन्यासकार आर.के.नारायण से काफी प्रभावित रहा करते थे और उनके उपन्यास गाइड पर फिल्म बनाना चाहते थे ।आर.के.नारायणन की स्वीकृति के बाद देवानंद ने हॉलीवुड के सहयोग से हिन्दी और अंग्रेजी दोनो
भाषाओं मे फिल्म गाइड का निर्माण किया, जो देवानंद के सिने कैरियर की पहली रंगीन फिल्म थी । इस फिल्म के लिये देवानंद को उनके जबरदस्त अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया।
बतौर निर्माता देवानंद ने कई फिल्में बनायी ।इन फिल्मों मे वर्ष 1950 मे प्रदर्शित फिल्म अफसर के अलावा हमसफर,टैक्सी ड्राइवर, हाउस न. 44,फंटूश,कालापानी, काला बाजार,हमदोनो,तेरे मेरे सपने,गाइड और ज्वैल थीफ
आदि कई फिल्में शामिल हैं।
वर्ष 1970 मे फिल्म प्रेम पुजारी के साथ देवानंद ने निर्देशन के क्षेत्र मे भी कदम रख दिया ।हांलाकि यह फिल्म बॉक्स आफिस पर बुरी तरह से नकार दी गयी। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1971 मे फिल्म हरे रामा हरे कष्णा का भी निर्देशन किया जिसकी कामयाबी के बाद उन्होंने हीरा पन्ना,देश परदेस,लूटमार,स्वामी दादा,सच्चे का बोलबाला और अव्वल नंबर समेत कुछ फिल्मों का निर्देशन भी किया।
देवानंद को अभिनय के लिये दो बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2001 मे एक ओर जहां देवानंद को भारत सरकार की ओर से पद्मभूषण सम्मान प्राप्त हुआ। वर्ष 2002 में हिन्दी सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुये उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया1अपनी निर्मित फिल्मों से दर्शकों के दिलो मे खास पहचान बनाने वाले महान फिल्मकार देवानंद 03 दिसंबर 2011 को इस दुनिया को अलविदा कह गये।
प्रेम
वार्ता
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