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मोदी विरोधी ब्रिगेड चालबाजी चक्रव्यूह के चकने में चकनाचूर: नकवी

मुंबई, 25 सितम्बर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा है कि “मोदी बैशिंग ब्रिगेड” अपने ही “चालबाजी चक्रव्यूह के चक्के में चकनाचूर होता जा रहा है।”
श्री नकवी ने शनिवार को मुंबई में भारतीय जनता पार्टी, महाराष्ट्र, अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक एवं प्रशिक्षण शिविर को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के 75 वर्षों में अल्पसंख्यक वोटों के “सियासी सौदागरों” ने अल्पसंख्यकों के शोषण की “75 शतरंजी चालें” चली हैं। कभी भय की चाल, कभी भ्रम की ढ़ाल, कभी धर्म का जाल तो कभी अफवाहों-आशंकाओं का बवाल।
श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज को ऐसे “सियासी सौदागरों” से होशियार रहना होगा जो ‘सेक्युलरिज़्म के चोले में वोटों की नीलामी का ठेला’ लेकर घूम रहे हैं। ‘छद्म धर्मनिरपेक्षता’ की सेक्युलरिज़्म के नाम पर ढोंग की पराकाष्ठा तो तब होती है जब शिवसेना जब भाजपा के साथ होती है तो उस पर कम्युनलिज़्म का ठप्पा लगता है और जब कांग्रेस के साथ होती है सेक्युलर होने का सर्टिफिकेट। ऐसे ‘सेक्युलर सिंडिकेट’ के पास कौनसा ‘सर्टिफिकेट सेंटर’ है जो मिनटों में किसी को सेक्युलर और किसी को कम्युनल बना देता है।
श्री नकवी ने कहा कि पंथनिरपेक्षता भाजपा की संवैधानिक प्रतिबद्धता है और समावेशी विकास संकल्प। इस बात को जमीन की हकीकत में हमने बदला है। इस सच्चाई को लोगों ने समझना शुरू कर दिया है। खासकर अल्पसंख्यक समाज ऐसे ‘वोट के सौदागरों’ के ‘सियासी शोषण’ और ‘वोटों के अपहरण’ की चालबाजी को महसूस भी कर रहा है। जो कुछ भी सेक्युलरिज़्म के नाम पर ‘सियासी शतरंज’ बिछाये जाते हैं वो भी बेनकाब हो गए हैं।
श्री नकवी ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार एवं भाजपा नेतृत्व की राज्य सरकारों में ‘बिना तुष्टीकरण के सशक्तिकरण’, ‘सम्मान के साथ सशक्तिकरण’ के संकल्प से समाज के सभी वर्गों की तरह अल्पसंख्यक भी तरक्की का बराबर का हिस्सेदार बन रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि पिछले लगभग 7 वर्षों में अकेले ‘हुनर हाट’ के माध्यम से 5 लाख 50 हजार से ज्यादा कारीगरों, शिल्पकारों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर मुहैया कराये गए हैं। पिछले लगभग 7 वर्षों में 5 करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को विभिन्न स्कॉलरशिप्स दी गई हैं। लाभार्थियों में 50 प्रतिशत से अधिक बच्चियां शामिल हैं। जिसका नतीजा है कि मुस्लिम लड़कियों का स्कूल ड्रॉप आउट रेट जो पहले 70 प्रतिशत था अब घट कर लगभग 30 प्रतिशत रह गया है जिसे आने वाले दिनों में जीरो प्रतिशत करना हमारा लक्ष्य है। ‘प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम’ के तहत हजारों करोड़ रूपए की लागत से पिछड़े इलाकों में स्कूल, कॉलेज, स्मार्ट क्लासरूम, आईटीआई, हॉस्टल, आवासीय विद्यालय, सद्भाव मंडप, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर, मार्किट शेड, पेयजल-स्वास्थ्य सुविधाएँ, खेल सुविधाएँ आदि का निर्माण कराया गया है।
श्री नकवी ने कहा कि इसके अलावा मोदी सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यकों को भी मिला है। दाे करोड़ गरीबों को घर दिया तो उसमे 31 प्रतिशत अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिम समुदाय हैं, 12 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत लाभ दिया, तो उसमे भी 33 प्रतिशत से ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब किसान हैं। आठ करोड़ से ज्यादा महिलाओं को “उज्ज्वला योजना” के तहत निशुल्क गैस कनेक्शन दिया तो उसमे 37 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब परिवार लाभान्वित हुए। 31 करोड़ लोगों को “मुद्रा योजना” के तहत व्यवसाय सहित अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए आसान ऋण दिए गए हैं जिनमे 36 प्रतिशत से ज्यादा अल्पसंख्यकों को लाभ हुआ। देश भर में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत 13 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ है जिसमें लगभग 22 प्रतिशत अल्पसंख्यक लाभार्थी हैं। इसके अतिरिक्त जन धन योजना, आयुष्मान भारत योजना, हर घर जल योजना आदि योजनाओं में 22 से लेकर 37 प्रतिशत लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। दशकों से अँधेरे में डूबे हजारों गांवों में बिजली पहुंचाई तो इसका बड़ा लाभ अल्पसंख्यकों को हुआ।
विजय जितेन्द्र
वार्ता
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