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मनोरंजन-हेमंत संगीत दो मुंबई

वर्ष 1937 में शैलेश दत्त गुप्ता के संगीत निर्देशन में एक विदेशी संगीत कंपनी कोलंबिया लेबल के लिये हेमंत कुमार ने गैर फिल्मी गीत गाये। इसके बाद हेमंत कुमार ने लगभग हर वर्ष ग्रामोफोनिक कंपनी ऑफ इंडिया के लिये अपनी आवाज दी। ग्रामोपोनिक कंपनी के लिये ही 1940 कमल दास गुप्ता के संगीत निर्देशन में हेमंत कुमार को अपना पहला हिन्दी गाना कितना दुख भुलाया तुमने गाने का मौका मिला जबकि वर्ष 1941 में प्रदर्शित एक बंगला फिल्म के लिये हेमंत कुमार ने अपनी आवाज दी।
वर्ष 1944 में एक गैर फिल्मी बंगला गीत के लिये हेमंत कुमार ने संगीत दिया ।इसी वर्ष पंडित अमर नाथ के संगीत निर्देशन में उन्हें अपनी पहली हिन्दी फिल्म इरादा में गाने का मौका मिला ।इसके साथ ही वर्ष 1944 मे रवीन्द्र नाथ ठाकुर के रवीन्द्र संगीत के लिये हेमंत कुमार ने कोलंबिया लेबल कंपनी के लिये गाने रिकार्ड किये। वर्ष 1947 में बंगला
फिल्म अभियात्री के लिये बतौर संगीतकार काम किया।
इस बीच हेमंत कुमार भारतीय जन नाट्य संघ: इप्टाः के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने लगे। धीरे धीरे हेमंत कुमार बंगला फिल्मों में बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनाते चले गये। इस दौरान हेमंत कुमार ने कई बंगला फिल्मों के लिये संगीत दिया जिनमें हेमेन गुप्ता निर्देशित कई फिल्में शामिल है।
कुछ समय के बाद हेमेन गुप्ता मुंबई आ गये और उन्होंने हेमंत कुमार को भी मुंबई आने का न्यौता दिया। वर्ष 1951 मे फिल्मीस्तान के बैनर तले बनने वाली अपनी पहली हिन्दी फिल्म आनंद मठ के लिये हेमेन गुप्ता ने हेमंत कुमार से संगीत देने की पेशकश की। फिल्म आनंदमठ की सफलता के बाद हेमंत कुमार बतौर संगीतकार फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये । फिल्म आनंदमठ में लता मंगेश्कर की आवाज में गाया हुआ वंदे मातरम आज भी श्रोताओं को भावावेश में ला देता है।
प्रेम
जारी वार्ता
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