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मनोरंजन-किशोर बहुमुखी प्रतिभा तीन अंतिम मुंबई

वर्ष 1969 में निर्माता-निर्देशक शक्ति सामंत की फिल्म आराधना के जरिये किशोर कुमार गायकी के दुनिया के बेताज बादशाह बने, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि फिल्म के आरंभ के समय संगीतकार सचिन देव वर्मन चाहते थे सभी गाने किसी एक गायक से न गवाकर दो गायकों से गवाएं जाएं। बाद में सचिन देव वर्मन की बीमारी के कारण फिल्म आराधना में उनके पुत्र आर.डी.बर्मन ने संगीत दिया। मेरे सपनों की रानी कब आयेगी तू और रूप तेरा मस्ताना गाना किशोर कुमार ने गाया, जो बेहद पसंद किया गया। रूप तेरा मस्ताना गाने के लिये किशोर कुमार को बतौर गायक पहला फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। इसके साथ ही फिल्म आराधना के जरिये वह उन ऊंचाइयों पर पहुंच गये, जिसके लिये
वह सपनों के शहर मुंबई आये थे।
किशोर कुमार को उनके गाये गीतों के लिये आठ बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। किशोर कुमार ने अपने सम्पूर्ण फिल्मी कैरियर मे 600 से भी अधिक हिन्दी फिल्मों के लिये अपना स्वर दिया। उन्होंने बंगला, मराठी,आसामी, गुजराती, कन्नड़,भोजपुरी और उड़िया फिल्मों में भी अपनी दिलकश आवाज के जरिये श्रोताओं को भाव विभोर किया।
वर्ष 1987 में किशोर कुमार ने निर्णय लिया कि वह फिल्मों से संन्यास लेने के बाद वापस अपने गांव खंडवा लौट जायेंगे। वह अक्सर कहा करते थें कि दूध जलेबी खायेंगे खंडवा में बस जायेंगे ,लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। 13 अक्टूबर 1987 को किशोर कुमार को दिल का दौरा पड़ा और वह इस दुनिया से विदा हो गये।
प्रेम
वार्ता
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