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मनोरंजन-शम्मी दमदार अभिनय दो अंतिम मुंबई

बताया जाता है कि केदार शर्मा की फिल्म 'रंगीन रातें' के निर्माण के दौरान फिल्म अभिनेत्री माला सिन्हा और गीता बाली में शम्मी कपूर को लेकर झगड़ा हो गया था। बाद में केदार शर्मा के समझाने पर दोबारा से फिल्म की शूटिंग शुरू हुई। फिल्म की शूटिंग होने के बाद शम्मी कपूर और गीताबाली जब मुंबई लौटकर आए तो दोनों ने निश्चय किया कि लोग उनके बारे में उल्टी सीधी बात कर रहे हैं। अत: दोनों को शादी कर लेनी चाहिए। चार अगस्त 1955 को शम्मी कपूर ने गीताबाली को फोन किया और कहा, मैं तुम्हें लेने आ रहा हूं। जब शम्मी कपूर गीता बाली को लेने उनके घर पहुंचे तो काफी रात भी हो चुकी थी और बारिश भी हो रही थी। दोनों मंदिर में गए और वहीं रुके रहे। जब सुबह चार बजे पुजारी ने मंदिर में आए तब उनकी शादी हो सकी।
शम्मी कपूर के अभिनय का सितारा निर्देशक नासिर हुसैन की वर्ष 1957 में प्रदर्शित फिल्म 'तुमसा नहीं देखा' से चमका। बेहतरीन गीत, संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने शम्मी कपूर को 'स्टार' के रूप में स्थापित कर दिया। आज भी इस फिल्म के सदाबहार गीत दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। साठ के दशक में वह शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे।जब कभी फिल्म निर्माताओं को किसी नई नायिका को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने का मौका देना होता था, वे उसे शम्मी कपूर की नायिका के रूप में अपनी फिल्म में लेते थे। इन नायिकाओं में सायरा बानो जंगली में, आशा पारिख दिल देके देखो में, साधना राजकुमार में और शर्मिला टैगोर कश्मीर की कली में शामिल है।
अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिलों पर खास पहचान बनाने वाले शम्मी कपूर 14 अगस्त 2011 को इस दुनिया को अलविदा कह गए। उन्होंने अपने पांच दशक के सिने कैरियर में लगभग 200 फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ उल्लेखनीय फिल्में हैं, रंगीन रातें, तुमसा नहीं देखा, मुजरिम, उजाला, दिल देके देखो, जंगली, प्रोफेसर, चाइना टाउन, ब्लफ मास्टर, कश्मीर की कली, राजकुमार, जानवर तीसरी मंजिल, ऐन इवनिंग इन पेरिस, बह्मचारी, तुमसे अच्छा कौन है, पिं्रस, अंदाज, जमीर, परवरिश, प्रेम रोग, विधाता, देशप्रेमी, हीरो, विधाता आदि।
प्रेम
वार्ता
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