राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Oct 24 2021 11:57AM मनोरंजन-साहिर रॉयल्टी दो मुंबईसाहिर 1943 में कॉलेज से निष्कासित किये जाने के बाद लाहौर चले आये, जहां उन्होंने अपनी पहली उर्दू पत्रिका तल्खियां लिखीं। लगभग दो वर्ष के अथक प्रयास के बाद आखिरकार उनकी मेहनत रंग लायी और तल्खियां का प्रकाशन हुआ। इस बीच साहिर ने प्रोग्रेसिव रायटर्स एसोसियेशन से जुड़कर आदाबे लतीफ, शाहकार और सवेरा जैसी कई लोकप्रिय उर्दू पत्रिकाएं निकालीं लेकिन सवेरा में उनके क्रांतिकारी विचार को देखकर पाकिस्तान सरकार ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। इसके बाद वह 1950 में मुंबई आ गये। साहिर ने 1950 में प्रदर्शित आजादी की राह पर फिल्म में अपना पहला गीत बदल रही है जिंदगी लिखा, लेकिन फिल्म सफल नही रही। वर्ष 1951 मे एस.डी.बर्मन की धुन पर फिल्म नौजवान में लिखे अपने गीत ठंडी हवाएं लहरा के आये के बाद वह कुछ हद तक गीतकार के रूप में कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में सफल हो गये।साहिर ने खय्याम के संगीत निर्देशन में भी कई सुपरहिट गीत लिखे। वर्ष 1958 में प्रदर्शित फिल्म फिर सुबह होगी के लिये पहले अभिनेता राजकपूर यह चाहते थे कि उनके पंसदीदा संगीतकार शंकर-जयकिशन इसमें संगीत दें जबकि साहिर इस बात से खुश नहीं थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फिल्म में संगीत खय्याम का ही हो। वो सुबह कभी तो आयेगी जैसे गीतों की कामयाबी से साहिर का निर्णय सही साबित हुआ । यह गाना आज भी क्लासिक गाने के रूप में याद किया जाता है।प्रेमजारी वार्ता