राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Jun 14 2022 4:09PM सरकार के चंगुल से मंदिरों को मुक्त कराने के लिए पारित हुआ प्रस्तावपणजी 14 जून (वार्ता) गोवा में अखिल भारतीय हिंदू राष्ट्र अधिवेशन के हिस्से के रूप में आयोजित ‘प्रथम हिंदू संसद’ ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें हिंदू मंदिरों को सरकार के चंगुल से मुक्त कराकर भक्तों को सौंप देने की मांग की गयी।बहरहाल, इस मुद्दे पर दो घंटे से अधिक विचार-विमर्श के बाद संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मंदिरों में सिर्फ हिंदू पदाधिकारियों की नियुक्ति की और परिसर के आस-पास मांसाहार की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई। दरअसल, दशम भारतीय हिंदू राष्ट्र अधिवेशन के दूसरे दिन हिंदू राष्ट्र संसद में ‘मंदिरों के आदर्श प्रबंधन’ पर विचार-विमर्श किया गया। इस मौके पर कई मंदिरों के न्यासियों, भक्तों, अधिवक्ताओं और धर्मनिष्ठ हिंदुओं ने अपने विचार व्यक्त किए।इस दौरान, ओडिशा के अनिल धीर ने स्पीकर की और डिप्टी स्पीकर की हिंदू जनजागृति के धर्मप्रचारक नीलेश सिंगबल ने तथा आनंद जखोटिया ने सचिव की भूमिका निभाई। इस दौरान उप-अध्यक्ष नीलेश सिंगबल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि देश के प्रत्येक मंदिर की दैवीय संपदा का दुरुपयोग किया जा रहा है। धन का उचित तरीके से उपयोग करने के लिए, मंदिरों का आदर्श प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र के अमरावती में रामप्रिया फाउंडेशन के अध्यक्ष रामप्रियश्रीजी ने कहा कि देश के युवाओं को भारत के इतिहास के बारे में जानना अति आवश्यक है, इसलिए बच्चों, युवाओं को मंदिरों से जोड़ा जाना चाहिए।इस अवसर पर महाराष्ट्र में जलगांव जिला के अमलनेर शहर से मंगलग्रह सेवा संस्थान के पीआरओ शरद कुलकर्णी, अमरावती, चंदूर बाजार से गजानन महाराज सेवा समिति के एच.बी.पी. मदन तिरमारे और श्री संत पचलेगांवकर मुक्तेश्वर मंदिर के अध्यक्ष सुधाकर तक सहित सभी ने मिलकर बताया कि वह अपने मंदिरों का प्रबंधन किस प्रकार करते हैं?श्रद्धा.संजयवार्ता