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मनोरंजन-मनोज जन्मदिन तीन अंतिम मुंबई

वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म .दस नंबरी .की सफलता के बाद मनोज कुमार ने लगभग पांच वर्षो तक फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। वर्ष 1981 में मनोज कुमार ने फिल्म ..क्रांति ..के जरिये अपने सिने करियर की दूसरी पारी शुरू की ।दिलचस्प बात है इसी फिल्म के जरिये मनोज कुमार के आदर्श दिलीप कुमार ने भी अपने सिने करियर की दूसरी पारी शुरू की थी ।देशभक्ति के जज्बे से परिपूर्ण फिल्म में मनोज कुमार और दिलीप कुमार की जोड़ी को जबरदस्त सराहना मिली ।
वर्ष 1983 में अपने पुत्र कुणाल गोस्वामी को फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने के लिये मनोज कुमार ने फिल्म ..पेन्टर बाबू ..का निर्माण किया लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर औंधे मुंह गिरी ।फिल्म की असफलता से मनोज कुमार ने लगभग छह वर्ष तक फिल्म निर्माण से किनारा कर लिया । वर्ष 1989 में मनोज कुमार एक बार फिर से फिल्म निर्माण और निर्देशन के क्षेत्र में वापस आये और फिल्म ..क्लर्क ..का निर्माण किया
लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म भी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी ।वर्ष 1999 में प्रदर्शित फिल्म ..जय हिंद बतौर निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार के सिने करियर की अंतिम फिल्म साबित हुयी जो टिकट खिड़की पर बुरी तरह नकार दी गयी ।
मनोज कुमार अपने सिने करियर में सात फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये है ।इन सबके साथ ही फिल्म के क्षेत्र में मनोज कुमार के उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये उन्हें वर्ष 2002 में पदमश्री पुरस्कार .वर्ष 2008 में स्टार स्क्रीन लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार और वर्ष 2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।मनोज कुमार इन दिनों प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट पर फिल्म बना रहे हैं।
प्रेम
वार्ता
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