राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Jul 20 2024 1:43PM मनोरंजन-गीता दत्त आवाज दो अंतिम मुंबईगीता दत्त के पंसदीदा संगीतकार के तौर पर एस.डी.बर्मन का नाम सबसे पहले आता है। गीता दत्त के सिने कैरियर में उनकी जोड़ी संगीतकारओ.पी.नैयर के साथ भी पसंद की गयी। वर्ष 1957 में गीता और गुरू दत्त की विवाहित जिंदगी मे दरार आ गयी। गुरूदत्त चाहते थे गीता दत्त केवल उनकी बनाई फिल्म के लिये ही गीत गाये। काम में प्रति समर्पित गीता दत्त तो पहले इस बात के लिये राजी नहीं हुयी लेकिन बाद में गीता दत्त ने किस्मत से समझौता करना ही बेहतर समझा। धीरे धीरे अन्य निर्माता निर्देशको ने गीता दत्त से किनारा करना शुरू कर दिया। कुछ दिनो के बाद गीता दत्त अपने पति के बढ़ते दखल को बर्दाशत न कर सकी और उन्होंने गुरू दत्त से अलग रहने का निर्णय कर लिया। गीता दत्त से जुदाई के बाद गुरूदत्त टूट से गये और उन्होंने अपने आप को शराब के नशे मे डूबो दिया। दस अक्तूबर 1964 को अत्यधिक मात्रा मे नींद की गोलियां लेने के कारण गुरू दत्त इस दुनियां को छोड़कर चले गये। गुरू दत्त की मौत के बाद गीता दत्त को गहरा सदमा पहुंचा और उन्होंने भी अपने आप को नशे में डुबो दिया। गुरूदत्त की मौत के बाद उनकी निर्माण कंपनी उनके भाइयों के पास चली गयी। गीता दत्त को न तो बाहर के निर्माता की फिल्मों मे काम मिल रहा था और न ही गुरू दत्त की फिल्म कंपनी में। इसके बाद गीता दत्त की माली हालत धीरे धीरे खराब होने लगी। कुछ वर्ष के पश्चात गीता दत्त को अपने परिवार और बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास हुआ और वह पुनः फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खोयी हुयी जगह बनाने के लिये संघर्ष करने लगी। इसी दौरान दुर्गा पूजा में होने वाले स्टेज कार्यक्रम के लिये भी गीता दत्त ने हिस्सा लेना शुरू कर दिया।वर्ष 1967 में प्रदर्शित बंग्ला फिल्म ..बधू बरन .. में गीता दत्त को काम करने का मौका मिला जिसकी कामयाबी के बाद गीता दत्त कुछ हदतक अपनी खोयी हुयी पहचान बनाने में सफल हो गयी।हिन्दी के अलावा गीता दत्त ने कई बंगला फिल्मों के लिये भी गाने गाये। सत्तर के दशक में गीता दत्त की तबीयत खराब रहने लगी और उन्होंने फिर गीत गाना कम कर दिया । लगभग तीन दशक तक अपनी आवाज से श्रोताओ को मदहोश करने वाली पार्श्वगायिका गीता दत्त 20 जुलाई 1972 को इस दुनिया से विदा हो गयी।प्रेमवार्ता