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चुनाव तीसरा चरण उप्र दो लखनऊ

मुरादाबाद से सटी नवाबों की नगरी रामपुर में सियासी पारा सबसे अधिक है। सपा नेता आजम खान के महिलाओं को लेकर दिये गये कथित विवादित बयान काे निशाना बनाकर भाजपा रामपुर की लड़ाई जीतने के मूड में है। सपा का दामन छोडकर भाजपा में आयी फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा के पक्ष में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी और मुख्तार अब्बास नकवी समेत कई जानेमाने नेता जनसभा कर चुनावी रंग जमा चुके है वहीं आजम को बेगुनाह बताते हुये बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा के मंसूबों पर पानी फिरने की भविष्यवाणी की है।
वर्ष 1967 के बाद पहला मौका है जब कांग्रेस ने रामपुर के 'नवाब परिवार' से बाहर के किसी शख्स को टिकट दिया है। जयाप्रदा और आजम के बीच की लड़ाई में पूर्व विधायक संजय कपूर अपनी सियासी जमीन तलाश कर रहे हैं। मिली जुली आबादी वाली इस सीट पर 51 फीसदी मुस्लिम मतदाता किसी भी दल को अर्श से फर्श पर पहुंचाने का माद्दा रखते हैं। पिछले चुनाव में यहां भाजपा के नेपाल सिंह जीतने में कामयाब रहे थे।
संभल सीट से गठबंधन की ओर से सपा के शफीकुर्रहमान बर्क चुनावी रणक्षेत्र में डटे है जहां उनका मुकाबला भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी और कांग्रेस के मेजर जगत पाल सिंह से है। मुस्लिम बाहुल्य इस सीट को भी बरकरार रखना भाजपा के लिये चुनौती के सामान है। 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर भाजपा ने यहां जीत का परचम लहराया था जब पांच हजार वोटों के मामूली अंतर से शफीकुर्रहमान मैदान छोड़ना पड़ा था।
चूड़ियों के शहर फिरोजाबाद में उत्तर प्रदेश समेत सारे देश की निगाहे टिकी हुयी है। यहां मुकाबला सूबे के प्रतिष्ठित ‘यादव परिवार’ की दो पीढ़ियों के बीच है। यादव परिवार के वरिष्ठ सदस्य और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल सिंह यादव का मुकाबला सपा महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे और मौजूदा सांसद अक्षय यादव है। चाचा भतीजे की इस दिलचस्प लड़ाई का फायदा उठाने के लिये भाजपा ने डा चंद्रसेन जादौन को मैदान में उतारा है। यहां कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा है।
प्रदीप
जारी वार्ता
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