भारतPosted at: Feb 22 2018 9:19PM डिजीटलीकरण की दिशा में रेलवे के कदम
नयी दिल्ली 22 फरवरी (वार्ता) भारतीय रेलवे ने पारदर्शिता एवं ईमानदारी कायम करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए सभी प्रकार की खरीद फरोख्त के लिए डिजीटल रसीद, डिजीटल चालान और डिजीटल बिल की व्यवस्था का आज शुभारंभ किया।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल मंत्रालय द्वारा ऐसोचैम एवं राइट्स के सहयोग से आयोजित ‘आपूर्तिकर्ताअों के साथ संवाद: डिजीटलीकरण, पारदर्शिता एवं कारोबारी सुगमता की यात्रा’ के समापन अवसर पर इन सुविधाओं का उद्घाटन किया। रेलवे ने विभिन्न प्रकार के सामानों और सेवाओं की आपूर्ति के लिए अब पहले से सूचीबद्ध वेंडरों की जगह सभी वेंडरों को समान अवसर प्रदान करने का फैसला किया है जिससे गुणवत्ता बढ़ने एवं लागत में कमी आने की संभावना है।
इससे पहले इस संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन रेल राज्य मंत्री एवं संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने किया। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी, रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। श्री सिन्हा ने कहा कि संवाद कार्यक्रम में सभी पक्षकारों को नये विचार सुझाव रखने और उन पर खुले मन से चर्चा करने की इजाजत है।
उन्होंने कहा कि रेलवे की अापूर्तिश्रृंखला के डिजीटलीकरण से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजीटल भारत की मुहिम को बहुत बल मिलेगा। रेलवे में 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक की खरीद ई-टेंडर से की जा रही है और तीन हजार करोड़ रुपए की नीलामी ई-ऑक्शन से हो रही है। रेलवे हर साल साढ़े तीन लाख से अधिक ई-टेंडर निकालती है। रेलवे में इस समय 76 हजार से अधिक पंजीकृत वेंडर हैं जबकि कबाड़ खरीदने वाले तीन हजार से अधिक पंजीकृत कारोबारी हैं।
सचिन टंडन
वार्ता