नयी दिल्ली, 06 सितम्बर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु के राज्यपाल को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी ए जी पेरारिवलन की दया याचिका पर विचार करने को कहा है।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने मामले का निपटारा करते हुए तमिलनाडु के राज्यपाल को आदेश दिया कि वह इस हत्याकांड के दोषियों की दया याचिकाआें पर विचार करे।
हत्याकांड के सभी सात दोषी- वी श्रीहरण उर्फ मुरुगन, ए जी पेरारिवलन, टी सुधेन्द्रराजा उर्फ संथम, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, पी रविचंद्रन एवं नलिनी, पिछले 25 साल से जेल में हैं।
पेरारिवलन ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करके कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के नेतृत्व में गठित मल्टी-डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएम) की जांच पूरी होने तक उसकी जेल की सजा निलंबित की जाये।
एमडीएमए की स्थापना 1998 में राजीव गांधी हत्याकांड की साजिश की जांच के लिए की गयी थी।
सुरेश आशा
वार्ता