नयी दिल्ली 14 सितम्बर (वार्ता) गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हिंदी भाषा और साहित्य की अब तक की प्रगति के मूल्यांकन की आवश्यकता बताते हुये शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र के ट्विटर और फेसबुक पर हिंदी में पेज बनाने से हिंदी प्रेमियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
श्री सिंह ने यहाँ विज्ञान में भवन में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में कहा कि भाषा अनंत काल से मानवीय अस्मिता का महत्वपूर्ण अंग रही है। यह अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भी है। आज का दिन इस बात का मूल्यांकन करने का है कि देश-विदेश में हिंदी भाषा, साहित्य ने कौन सी मंजिलें तय की हैं।
उन्होंने बताया कि देश के सम्मान में उस समय और अधिक इजाफा हुआ जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने ट्विटर पर हिंदी में अपना अकाउंट बनाया और हिंदी भाषा में ही पहला ट्वीट किया। पहले ट्वीट में लिखा संदेश पढ़कर हर भारतीय का, सभी हिंदी प्रेमियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र संघ ने फेसबुक पर भी हिंदी में अपना पन्ना बनाया है।
समारोह में मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों के प्रमुखों को राजभाषा में कामकाज को बढ़ावा देने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य हेतु पुरस्कृत किया। पुरस्कार विजेताओं को शील्ड तथा प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर तथा किरेन रिजिजू, सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/उपक्रमों के मंत्री, सांसद तथा वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
श्री अहीर ने कहा कि सरकार और जनता के बीच वही भाषा प्रभावी एवं लोकप्रिय हो सकती है जो आसानी से सबकी समझ में आ सके और जिसका प्रयोग बेझिझक देश के सभी वर्गों द्वारा आसानी से किया जा सके। हिंदी मातृभाषा ही नहीं बल्कि संस्कृति का प्रतीक भी है। हमारा लोकतंत्र तभी फल-फूल सकता है जब हम जन-जन तक उनकी ही भाषा में उनके हित की बात पहुँचाएँ क्योंकि हमारे लोकतन्त्र का मूलमंत्र ‘सर्वजन हिताय’ है।
श्री रिजिजू ने कहा कि हिंदी और उससे संबंधित संसाधनों के विकास, प्रयोग तथा प्रचार-प्रसार की दिशा में विभिन्न स्तरों पर प्रयास निरंतर जारी हैं। हिंदी और अन्य अभी भारतीय भाषाओं के संवर्धन के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यह हम सबका उत्तरदायित्व है कि हम इन सुविधाओं के प्रति जागरूक बनें और अपने सरकारी और गैर-सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग करें।
अजीत.संजय
वार्ता