नयी दिल्ली 17 सितम्बर (वार्ता) राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि विश्व में हिन्दी की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए देश में उसका आधार और भी मजबूत करना होगा तथा उसे ज्ञान और उन्नत-विज्ञान की भाषा बनाना होगा।
श्री कोविंद ने यहां मॉरिशस में आयोजित 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में सम्मानित भारतीय विद्वानों के अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए न सिर्फ देश में उसका अाधार और मजबूत करना होगा बल्कि उसकी रोजगार देने की क्षमता भी बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि आज का समय तकनीक का समय है। स्मार्ट फोन जैसे साधनों से भाषाओं के बीच की दूरियां मिट रही हैं इसलिए, हिन्दी के प्रचार-प्रसार में तकनीक का भरपूर उपयोग किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया के मानचित्र पर हिन्दी की सशक्त उपस्थिति दिखाई देती है। भारत से बाहर, एक करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते हैं और सभी प्रमुख देशों के विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जा रही है। इसी का परिणाम है कि 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में 45 देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। देश में भी, वर्ष 2011 की भाषायी जनगणना में यह तथ्य सामने आया कि हिन्दी बोलने वाले लोगों की संख्या बढ़कर, लगभग 53 करोड़ तक पहुंच गई है।
देश-विदेशों में हिन्दी को लोकप्रिय बनाने में हिन्दी सिनेमा की भूमिका की सराहना करते हुए श्री कोविंद ने कहा कि हिन्दी फिल्मों ने भारतीय भाषा-संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अभूतपूर्व योगदान दिया है। यह देखकर सुखद आश्चर्य होता है कि हिन्दी फिल्में और उनके फिल्मी किरदारों से विदेशों में भी लोग परिचित हैं। ऐसे में विदेशियों को भारतीय भाषाएं सिखाने में भी फिल्मी संवादों और फिल्मी गीतों का उपयोग बढ़ाया जा सकता है। जापान में हिन्दी-उर्दू सिखाने के लिए ऐसा प्रयोग सफल रहा है। बड़ी संख्या में लोग विदेशों से भारत में पढ़ाई करने या पर्यटन के लिए आते हैं। उनकी सुविधा के लिए ऐसे मोबाइल एप बनाए जा सकते हैं जिन्हें गाते-गुनगुनाते हुए वे भारत के बारे में जानकारियां भी प्राप्त कर सकें। सामान्य बोल-चाल, रीति-रिवाज, खान-पान के बारे में किसी से कुछ पूछना हो तो कैसे पूछा जाए, यह जान सकें।
राष्ट्रपति ने मॉरिशस में 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज और उनकी पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि अभी तक आयोजित किए जा चुके 11 विश्व हिन्दी सम्मेलनों में से आठ सम्मेलन विदेश में आयोजित किए गए हैं लेकिन यह पहली बार हुआ है कि विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन स्थानीय सरकार के सहयोग से किया गया। उन्होंने सम्मेलन के सफल आयोजन में हर स्तर पर मॉरीशस सरकार के भरपूर सहयोग के लिए उसे विशेष रूप से बधाई दी।
यामिनी
वार्ता