भारतPosted at: Sep 18 2018 11:40PM रेवाड़ी दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने से खफा सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली, 18 सितम्बर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने रेवाड़ी दुष्कर्म मामले की पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर मीडिया से गहरी नाराजगी जताते हुए आज कहा कि इस मामले में नियमों की अनदेखी की गयी।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की सुनवाई के दौरान कहा कि पीड़िता की पहचान उजागर करके नियमों की अनदेखी की गयी है, इसका जिम्मेदार कौन है?
न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि लड़की की पढ़ाई से संबंधित बात बताई गई, इससे उसकी पहचान करना मुश्किल नहीं है। मीडिया को इससे रोकने के लिए क्या किया जा सकता है? इस पर एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि राज्य सरकार और टीवी चैनलों को नोटिस जारी करके पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? हालांकि न्यायालय ने इस संबंध में फिलहाल कोई आदेश नही दिया।
इस बीच, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट सौंपी। न्यायालय ने इस मामले में पटना उच्च न्यायालय के 29 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई की जांच के लिए नयी टीम बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसा करने से जांच प्रभावित होगी और पीड़िता के हितों को भी नुकसान पहुंचेगा।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने अपने 29 अगस्त के आदेश में सीबीआई की मौजूदा टीम को भंग करके नयी टीम के गठन को कहा था।
सुरेश आशा
वार्ता