नयी दिल्ली 18 सितम्बर (वार्ता) केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आज कहा कि सरकार ने पेंशनभोगियों की सुहूलियत के लिए अनेक सुधार उपाय किये हैं।
डॉ. सिंह ने यहां कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ‘पेंशन अदालत’ के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। उन्होंने विभागों के लिए संस्थागत स्मृति संयोजित करने के कार्य में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए छह पेंशनभोगियों को ‘अनुभव’ पुरस्कार, 2018 प्रदान किये तथा ‘केन्द्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए सतत सुधारों का एक युग’ नामक पुस्तिका का विमोचन किया। पुस्तिका में नियमों के सरलीकरण और शिकायत पोर्टल को मजबूत करने एवं इसे उपयोगकर्ताओं के अनुकूल बनाने हेतु उठाये गये कदमों का उल्लेख किया गया है।
डॉ. सिंह ने अखिल भारतीय पेंशन अदालत का उद्घाटन करते हुए कहा कि पेंशन अदालतों से मौके पर ही पेंशनभोगियों की शिकायतों का निवारण करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके जरिये पेंशनभोगियों को ‘जीवन निर्वाह में सुगमता’ का अधिकार दिया गया है।
उन्होंने राज्यों से यह अनुरोध किया कि वे केन्द्र सरकार द्वारा उठाये गये सुशासन से जुड़े कदमों को लागू करें। पेंशनभोगियों से जुड़े शिकायत पोर्टल ‘सीपीईएनग्राम्स’ के फायदों का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग कर भारी-भरकम संसाधनों के साथ-साथ लोगों के बहुमूल्य समय की भी बचत की गयी है।
डॉ. सिंह ने कहा कि पेंशनभोगियों की सहूलियत के लिए सरकार ने अनेक सुधार लागू किए हैं। इनमें से एक प्रमुख पहल 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन तय करना है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अन्य कई पहल भी की गई हैं जिनमें भविष्य, संकल्प, जीवन प्रमाण-डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, पुराने कानूनों को समाप्त करना और स्व-सत्यापन भी शामिल हैं।
इस अवसर पर केन्द्र सरकार के उन छह कर्मचारियों को तृतीय ‘अनुभव’ पुरस्कार 2018 प्रदान किये गये जिन्होंने संस्थागत स्मृति संयोजित करने के उद्देश्य से तैयार किये गये अनुभव पोर्टल में उल्लेखनीय योगदान दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर अनुभव योजना का शुभारंभ वर्ष 2015 में किया गया था।
अजीत टंडन
वार्ता