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भारत


बोत्स्वाना, जिम्बाब्वे, मालावी ने की भारत के सहयोग की सराहना

विशेष विमान से, 06 नवंबर (वार्ता) उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू बोत्स्वाना, जिम्बाब्वे और मालावी की तीन देशों की यात्रा पूरी करके स्वदेश रवाना हो गये।
उपराष्ट्रपति ने मंगलवार को विमान में संवाददाताओं से कहा, “ उनके इस उच्च स्तरीय दौरे को शामिल करते हुए भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री 29 बार अफ्रीका की यात्रा कर चुके हैं जो ‘अनोखी उपलब्धि’ है।
उन्होंने कहा, “ उनकी यात्रा नये क्षेत्रों में संबंधों की नींव डालने और मौजूदा रिश्तों को प्रगाढ़ करने में मदद करेगी। मेरी यात्रा के नतीजों से स्पष्ट है कि दौरे के उद्देश्यों को हासिल कर लिया गया है।”
अफ्रीका के साथ भारत की निरंतर भागीदारी को आगे बढ़ाते हुए इस यात्रा के दौरान तीनों देशों के साथ कई सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
मालावी के साथ परमाणु ऊर्जा नियामक ढांचे की क्षमता बढ़ाने और इसकी सुरक्षा को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये जबकि जिम्बाब्वे के साथ भू-विज्ञान, खनन और खनिजों को लेकर समझौता किया गया। बोत्स्वाना और जिम्बाब्वे के साथ गैर तराशे हीरे का प्रत्यक्ष व्यापार करने के विकल्पों की संभावना तलाशने को लेकर भी समझौता किया गया।
भारत ने जिम्बाबवे के साथ पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र को लेकर भी एमओयू पर हस्ताक्षर किये। अन्य महत्वपूर्ण समझौतों में मालावी के साथ प्रत्यर्पण संधि और प्रसार भारती के प्रसारण को लेकर किया गया एक समझौता शामिल है, साथ ही कला, संस्कृति और विरासत को लेकर समझौते किये गये।
उन्होंने विमान में संवाददाताओं से कहा कि अफ्रीका को अपनी विकास प्रक्रिया में सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता और राजनयिक, द्विपक्षीय और लोगों के संपर्कों में सुधार के प्रयासों को सभी तीन राष्ट्रपतियों ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया।
उप राष्ट्रपति ने अपने एक हफ्ते की यात्रा के दौरान बोत्स्वना के राष्ट्रपति मोकवीत्सी मसीसी, जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति इमरसन मंगागावा, मलावी के राष्ट्रपति पीटर मुथारिका और अन्य नेताओं के साथ हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
अफ्रीका के साथ भारत की भागीदारी को बढ़ाने के लिए 10 मार्गदर्शक सिद्धांतों के मद्देनजर व्यापक पर चर्चा की।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति ने उनके देश को दरकिनार करने के दौरान भारत का साथ देने की खुलकर प्रशंसा की। जिम्बाब्वे ने इसे भारत की प्रतिबद्धता करार दिया।
उन्होंने कहा कि तीनों देशों के नेताओं ने उनके देशों के सतत विकास के लिए मदद करने पर भारत को धन्यवाद दिया।
नीरज.श्रवण
जारी.वार्ता
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