नयी दिल्ली 10 नवम्बर (वार्ता) भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं के बीच अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त अभ्यास शनिवार को अंडमान सागर में शुरू हो गया।
दोनों नौसेनाओं के संबंधों की रजत जयंती पर अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में 10 से 21 नवम्बर तक आयोजित अभ्यास में उनके प्रमुख युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं। भारत की आेर से नौसैनिक पोत रणविजय , सतपुड़ा, सह्याद्री, शक्ति, किर्च, कदमत, सुमेधा और सुकन्या अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। भारत का प्रमुख टोही विमान पी- 8 आई भी अभ्यास में अपने जौहर दिखायेगा।
भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं के बीच संबंधों की शुरूआत 1994 में आदान-प्रदान यात्राओं से हुई थी जो अब व्यापक स्तर पर हर तरह के जटिल तथा उन्नत अभ्यास ‘सिम्बेक्स’ के स्तर तक पहुंच गयी है जिसमें दोनों के युद्धपोत सहित विभिन्न प्लेटफार्म शामिल होते हैं।
भारत ने ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति पर आगे बढते हुए सिंगापुर के साथ हाल ही में अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं । दोनों के बीच हर वर्ष 20 से भी अधिक द्विपक्षीय कार्यक्रमों का आयोजन होता है। वर्ष 2015 में दोनों के बीच इन संबंधों ने ‘सामरिक भागीदारी’ का रूप ले लिया।
अभ्यास के शुरू में बंदरगाह चरण का अभ्यास पोर्ट ब्लेयर में 10 से 12 नवम्बर के बीच होगा जिसके बाद 12 से 16 नवम्बर तक अंडमान सागर में समुद्री चरण का अभ्यास होगा । बंदरगाह अभ्यास का दूसरा चरण 16 से 19 नवम्बर तक विशाखापत्तनम में होगा। इस दौरान दस किलोमीटर लंबी मैराथन का भी आयोजन किया जायेगा। समुद्री अभ्यास का अंतिम चरण 19 से 21 नवम्बर तक बंगाल की खाड़ी में होगा।
सिम्बेक्स 2018 में विभिन्न हथियारों की ड्रिल होगी जिसमें मिसाइल फायरिंग, भारी तारपीडो को दागना, मध्यम दूरी की तोप, पनडुब्बी रोधी राकेट और पनडुब्बी रोधी उन्नत प्रणाली का अभ्यास किया जायेगा। ड्रोन के अभियानों के साथ डेक से हेलिकॉप्टर के उड़ान भरने का अभ्यास भी किया जायेगा। दोनों देशों के प्रमुख युद्धपोत और अन्य प्लेटफार्म अभ्यास में हिस्सा लेंगे।
संजीव, यामिनी
वार्ता