नयी दिल्ली 15 नवम्बर (वार्ता) रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि महिलाएं अब घरों तक ही सीमित नहीं हैं, इसलिए उन्हें पार्क, सार्वजनिक परिवहन के साधनों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षित तथा सहज माहौल उपलबध कराना जरूरी है।
श्रीमती सीतारमण ने गुरुवार को यहां लैंगिक आधार पर हिंसा के बारे में आयोजित कार्यक्रम में बाेलते हुए कहा कि दुनिया की आधी आबादी अब घरों से बाहर निकल रही है और उसे सुरक्षित माहौल चाहिए जिससे कि वह सहज और मुक्त भाव से अपने कामों को पूरा कर सके। कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल ने किया था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आदर्श समाज में सार्वजनिक स्थलों पर जिस तरह से पुरूष सहज रूप से आते जाते हैं ऐसा ही माहौल महिलाओं को भी पार्कों, रेस्तरां, थियेटर और सार्वजनिक परिवहन के साधनों में चाहिए। उसी देश में महिलाओं को सुरक्षित कहा जा सकता है जहां वे आधी रात में भी उन्मुक्त होकर आ जा सकें। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी ओर से इस दिशा में कई कदम उठा रही है और हाल ही में शुरू हुए ‘मी टू अभियान’ के बाद एक मंत्री समूह का गठन किया गया है जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित दंड संहिता की धाराओं और अन्य कानूनों की समीक्षा करेगा। इसका उद्देश्य कमियां यदि कोई हैं तो उन्हें दूर करना है।
उन्होंने कहा कि अभी महिलाएं साइबर क्षेत्र में बड़ी संख्या में सक्रिय हैं लेकिन वहां भी उन्हें सुरक्षा हासिल नहीं है और इस समस्या से निपटना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को साइबर स्पेस में सुरक्षा नहीं मुहैया करायी जाती है तो बड़ी विकट स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। इसके लिए मीडिया, न्यायपालिका, स्कूलों और सरकार के स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू किये जाने की जरूरत है। मीडिया को इसके लिए समय निकालना होगा और महिलाओं को जागरूक बनाना होगा कि वे इन अपराधों के खिलाफ आवाज उठा सकती है और इसके लिए वे विभिन्न एजेन्सियों के पास जाकर अपनी बात रख सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह भी जरूरी है कि उन्हें समय पर न्याय मिले और दोषियों को कड़ा दंड मिले।
संजीव.श्रवण
वार्ता